देश की खाद्य मुद्रास्फीति में मामूली वृद्धि (लीड-1)
यद्यपि सरकार का कहना है कि खाद्यान्नों की कीमतों में गिरावट आनी शुरू हो गई है और रबी की बेहतर फसल के कारण इसमें कीमतें और नीचे होंगी।
गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि जारी है। दालें 35.23 प्रतिशत, आलू 27.69 प्रतिशत, सब्जियां 15.45 प्रतिशत और गेंहू 14 प्रतिशत महंगे हुए हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी थोक मूल्य सूचकांक के सीमित आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक वस्तुओं के सूचकांक में 15 प्रतिशत और ईंधन, ऊर्जा, बिजली के सूचकांक में 9.59 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
देश की वार्षिक मुद्रास्फीति की दर दिसंबर में 7.31 प्रतिशत से बढ़कर जनवरी में 8.56 प्रतिशत हो गई। इसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थो की महंगाई है।
तेल की कीमतों में वृद्धि के सरकार के फैसले के कारण इस बात की आशंका है कि आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थो की कीमतें और अधिक बढ़ सकती हैं।
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को तेल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने के लिए विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया था। विपक्ष का कहना है कि तेल की कीमतों में वृद्धि से पहले से ही महंगी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी।
कुछ खाद्य पदार्थो की कीमतों में 52 सप्ताह की अवधि में हुई वृद्धि की दर :
-दालें : 35.23 प्रतिशत
-आलू : 27.69 प्रतिशत
-सब्जियां : 15.45 प्रतिशत
-दूध : 15.28 प्रतिशत
-गेंहू : 14 प्रतिशत
-अनाज : 11.58 प्रतिशत
-प्याज : 11.14 प्रतिशत
-फल: 10.41 प्रतिशत
-चावल : 9.62 प्रतिशत
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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