अब कनाडा में खड़ा हुआ बुर्के पर विवाद
यह मामला कनाडा के मांट्रियल शहर का है। यहां मिस्र मूल की एक महिला 'सेगेप दा सैंत-लॉरेंत' कॉलेज में फ्रांसीसी भाषा की पढ़ाई कर रही थी। तीन बच्चों की मां इस महिला का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।
कनाडा के प्रमुख समाचार पत्र 'ग्लोब एंड मेल' के अनुसार कॉलेज के प्रधानाचार्य पॉल-एमिले ने बताया कि बीते साल अगस्त में शुरू हुए शैक्षणिक सत्र में इस महिला को बुर्का पहनने की इजाजत दी गई थी और वह कक्षा में अगली सीट पर बैठती थी।
प्रधानाचार्य का कहना है कि अक्टूबर में शूरू हुए दूसरे सत्र के दौरान इस महिला के लिए मुश्किल खड़ी हो गई क्योंकि वहां कोई भी महिला शिक्षक नहीं थी। एमिले ने यह भी कहा कि महिला के लिए अच्छी तरह फ्रांसीसी भाषा का उच्चारण सीख पाना कठिन था क्योंकि उसके मुंह को शिक्षक नहीं देख सकते थे।
खबरों में कहा गया है कि जब कॉलेज और आव्रजन विभाग ने इस महिला पर चेहरे से नकाब हटाने का दबाव बनाया तो उसने कॉलेज छोड़ने का फैसला किया। अब इस महिला ने क्यूबेक प्रांत के मानवाधिकार आयोग में एक याचिका दायर कर अपने धार्मिक अधिकारों का हनन किए जाने का आरोप लगाया है।
क्यूबेक प्रांत के आव्रजन मंत्री योलांडे जेम्स ने कॉलेज प्रशासन के कदम को सही ठहराया है। उन्होंने कहा, "हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं कि पढ़ाई के माहौल को खराब किया जाए।"
उधर, इस महिला ने टेलीविजन चैनल सीबीसी को बताया, "मेरे पास तीन बच्चे हैं। मैं बहुत परेशान हूं। मेरे बच्चे रो रहे हैं। मेरे पास बहुत समस्याएं हैं। " इस महिला का कहना है कि उसके धार्मिक अधिकारों का हनन किया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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