क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

आम बजट प्रतिक्रिया : प्रधानमंत्री ने सराहा, विपक्ष ने कोसा (लीड-1)

By Staff
Google Oneindia News

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आम बजट की सराहना करते हुए कहा है कि यह विकास की गति बनाए रखने और वित्तीय घाटे को समेकित करने की जरूरतों का सही मिश्रण है। उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर मेरी यही राय है कि वित्त मंत्री ने विकास की जरूरतों का सही आकलन करने के साथ-साथ कीमतों के मामलों में कुछ हद तक संयम बरता गया है।"

सिंह ने कहा, "आपको बजट से उभर रही पूरी तस्वीर देखनी होगी। भारत जैसे विशाल अर्थव्यवस्था वाले देश में वित्त मंत्री के लिए राजस्व लाभ महज 20,000 करोड़ रुपये था।" प्रधानमंत्री ने कहा, "संसाधन जुटाने वाले इस प्रयास से मुद्रास्फीति का दबाव नहीं बढ़ेगा।"

प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित प्रत्यक्ष कर संहिता के बारे में उद्योग जगत का डर भी मिटाने की कोशिश की और कहा कि हितधारकों की सभी आश्ांकाओं पर पहले से विचार किया जाएगा।

उन्होंने कहा, "प्रत्यक्ष कर संहिता वृद्धि के प्रभाव, गत्यात्मकता के प्रभाव को मजबूत करने का माध्यम होना चाहिए, लेकिन प्रत्यक्ष कर संहिता के लागू होने में विलंब हो जाने से व्यापारिक समुदाय में कुछ आशंकाएं बढ़ गई हैं।"

उधर, संसद के बाहर विपक्षी दलों के नेताओं ने बजट के खिलाफ एक मंच से बयान दिया। पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में वृद्धि के मुद्दे पर नेताओं ने सरकार को घेरा। इसी मुद्दे पर विपक्ष ने बजट भाषण के दौरान लोकसभा से बíहगमन भी किया।

विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा, "यह किसान विरोधी, गरीब विरोधी और जन विरोधी बजट है।" मीडिया के सामने स्वराज के साथ सपा नेता मुलायम सिंह यादव और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद भी उपस्थित थे।

लोकसभा में विपक्ष के उप नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि बजट से लोगों पर महंगाई का प्रभाव कम होगा लेकिन यह किसान विरोधी है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि से महंगाई और बढ़ जाएगी। "

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी.राजा ने कहा कि सरकार ने महंगाई को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया।

कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा बजट मंदी के बाद सुधार की प्रक्रियाओं को समेकित करेगा, आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करेगा और राजस्व में सुधार लाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश मंत्री राजा पटैरिया का कहना है कि यह बजट आम आदमी को राहत देने वाला है। आयकर की सीमा बढाने से मध्यम वर्ग को लाभ होगा, किसान, स्वास्थ्य, शिक्षा पर इस बजट में विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में इजाफे की वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार है।

वहीं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र सिसौदिया ने बजट को गरीब विरोधी और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि इस बजट ने एक बात साफ कर दी है कि सरकार ने इसे पूंजीपतियों के इशारे पर तैयार किया है। यह बजट महंगाई और बढाने वाला होगा।

बिहार में भी आम बजट की किसी ने सराहना की तो किसी ने इसे महंगाई बढ़ाने वाला बताया।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महासचिव एवं पूर्व सांसद रामकृपाल यादव ने आम बजट को पूरी तरह महंगाई बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट में पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृद्घि करने से सभी वस्तुओं के दाम बढें़गे, जिससे जरूरी वस्तुएं भी आम लोगों की पहुंच से दूर हो जाएंगी।

बिहार उद्योग संघ के पूर्व अध्यक्ष क़े पी़ झुनझुनवाला ने इसे मिश्रित बजट कहा है। उन्होंने पूवरेतर राज्यों को हरित क्रांति के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने, सड़कों पर विशेष जोर देने को सही कदम बताया है तो डीजल के मूल्य में वृद्घि की कड़ी आलोचना की है। स्टील और सीमेंट जैसी आवश्यक वस्तुओं को भी महंगा करने को वह सही नहीं मानते।

आम बजट पर उत्तर प्रदेश में भी मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई है। बुंदेलखंड को अलग से धन आवंटित करने के साथ-साथ कृषि और ग्रामीण क्षेत्र पर सरकार के मेहरबान होने से जहां लोगों में खुशी है वहीं आय कर सीमा में शुरुआती स्तर पर मामूली राहत मिलने से लोग थोड़े निराश हैं।

लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ए. के. सेनगुप्ता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि संतुलित बजट पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक, कृषि और शिक्षा क्षेत्र पर बजट में ध्यान दिया गया है।

लखनऊ स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के प्रोफेसर सुकुमार नंदी ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के बजट को मिलाजुला बताया। उन्होंने कहा कि बजट में वर्ष 2010-11 में 3.75 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण बांटने का प्रस्ताव, किसानों को पांच फीसदी पर ऋण, हरित क्रांति के लिए 400 करोड़ रुपये, राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) के लिए 40,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग को बढ़ावा देने का प्रस्ताव स्वागत योग्य हैं।

रायबरेली के प्रगतिशील किसान संतराम मौर्या कहते हैं कि बजट में किसानों का ख्याल रखा गया है। राज्य के सबसे पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड के विकास के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव सराहनीय है। वित्त मंत्री ने बजट में 'इंडिया' से ज्यादा भारत पर ध्यान दिया है। बजट में ग्रामीण, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र के लिए काफी कुछ किया गया है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

*

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X