बिहार में नक्सलियों के बंद से यातायात व्यवस्था प्रभावित (लीड-1)
बंद के तीसरे और अंतिम दिन मंगलवार को सबसे अधिक परेशानी यात्रियों को हो रही है। नक्सलियों ने बंद के दौरान मुख्य रूप से रेलवे को निशाना बनाया। बंद के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कें लगभग सुनसान रही। नक्सलियों द्वारा पटरी उड़ाए जाने की घटना के बाद रेलगाड़ियों को भी जहां तहां रोक दया गया जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। शहरी क्षेत्रों में बंद का कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है। पटना से रांची जाने वाली लंबी दूरी की बसें आम दिनों की तरह चल रही हैं।
गया, औरंगाबाद, मुंगेर, रोहतास, जहानाबाद, जमुई जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों पर वाहन कम चल रहे हैं। सड़कों पर पुलिस गश्ती बढ़ा दी गई है।
राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी), जमालपुर के पुलिस अधीक्षक विमल कुमार ने मंगलवार को बताया कि नक्सली रेलवे को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कहा कि रेल पटरियों पर सभी स्थानों पर पुलिस बल तैनात करना आसान कार्य नहीं है।
नक्सलियों ने मंगलवार को तड़के दो बजे बिहार में एक बार फिर रेलवे को निशाना बनाते हुए रेल पटरी उड़ा दी तथा एक केबिन को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस के अनुसार दानापुर रेल मंडल के नरगंजो रेलवे स्टेशन के समीप भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के नक्सलियों ने विस्फोटक लगाकर पटरी उड़ा दी।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) यू़ एस़ दत्त ने मंगलवार को बताया कि इस घटना में डाउन लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान नक्सलियों ने जमुई जिले के नरगंजो रेलवे स्टेशन के केबिन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया है।
उन्होंन बताया कि नक्सलियों की धरपकड़ के लिए छापामारी तेज कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि नक्सलियों ने शनिवार की रात जमुई जिले के झाझा-नरगंजों रेलवे स्टेशन के बीच रेल पटरी उड़ा दिया था। इसके बाद नक्सलियों ने रविवार की रात मुंगेर जिले के महरना हॉल्ट के पास पटरी उड़ाई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।