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पुलिस ने उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्र का शव कब्जे में लिया (लीड-1)

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उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर में एमसीए के छात्र वेणुगोपाल रेड्डी की शव यात्रा के दौरान हुई झड़पों में कम से कम एक दर्जन छात्र और पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं। रेड्डी ने पृथक तेलंगाना राज्य की मांग में हो रही देरी से हताश होकर मंगलवार को आत्मदाह कर लिया था।

विश्वविद्यालय परिसर उस समय युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस ने हवा में गोलियां चलाईं और पत्थर फेंक रहे छात्रों को तितर-बितर करने के लिए उन पर आंसू गैस के गोल छोड़े और लाठियां चलाईं।

जब छात्र वेणुगोपाल के शव के साथ शहर के केंद्र की ओर बढ़ रहे थे और पुलिस व अर्धसैनिक बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की तभी उनके बीच झड़पें शुरू हो गईं।

पुलिस ने लेडीज हॉस्टल परिसर के नजदीक छात्रों के जुलूस को रोका। छात्र राज्य विधानसभा भवन के नजदीक शहीद स्मारक के पास शव ले जाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने वेणुगोपाल रेड्डी का शव नलगोंडा ले जा रही एम्बुलेंस को अपने कब्जे में कर लिया था।

छात्रों की संयुक्त कार्यवाही समिति (जेएसी) ने विश्वविद्यालय परिसर में मंगलवार को पूरी रात छात्र का शव रखा था और इस शव को एक जुलूस के साथ नलगोंडा जिला ले जाने की योजना बनाई थी।

पुलिस ने टीआरएस विधायकों हरीश राव, ई. राजेंद्र और तारक रामा राव को भी गिरफ्तार किया है।

हरीश राव ने हिंसा भड़कने के लिए पुलिस को दोषी बताया है। उनका कहना है कि छात्र शांतिपूर्वक ढंग से शव को स्मारक तक ले जाना चाहते थे ताकि लोग रेड्डी के प्रति अंतिम बार सम्मान व्यक्त कर सकें।

सत्तारूढ़ कांग्रेसी विधायक आर. दामोदर रेड्डी ने भी हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को भड़काना नहीं चाहिए नहीं तो परिणामों की जिम्मेदारी सरकार की होगी।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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