घरेलू हिंसा के विरुद्ध कानून से अनजान हैं महिलाएं
स्वयंसेवी संगठन 'सेंटर फार सोशल रिसर्च' की अध्यक्ष रंजना कुमारी ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, "देश में अधिकतर महिलाएं केवल दहेज कानून को लेकर जागरुक हैं, लेकिन इन्हें घरेलू हिंसा निवारण अधिनियम (पीडब्लूडीवीए 2005) के बारे में कोई ज्यादा जानकारी नहीं है जिसे घरेलू हिंसा की पीड़िता को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए लाया गया है।"
रंजना कुमारी ने कहा, "सीमित मात्रा में या समझ की कमी की वजह से महिलाएं इस कानून का लाभ उठाने में असफल रहीं हैं। इसके बजाय महिलाएं दहेज कानून के अंतर्गत कानूनी लड़ाई लड़ना चाहती हैं।"
रंजना कुमारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सहित केवल 14 राज्यों ने इस अधिनियम को लागू करने के लिए अलग से बजट का आवंटन किया है लेकिन बुनियादी सुविधाओं, प्रशिक्षण और जागरुकता अभियान के लिए किसी तरह के आवंटन का संकेत नहीं मिला है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।