दिल्ली में इस साल चलती रही बदलाव की बयार (फ्लैशबैक 2009)
राष्ट्रमण्डल खेलों से पहले यातायात की दृष्टी से दिल्ली को नया रूप देने की कोशिश जारी रही। वर्ष 2009 में दिल्ली के स्वरूप में बदलाव के कुछ प्रमुख कारक निम्न हैं-
दिल्ली मेट्रो-
इस साल दिल्ली मेट्रो ने सात वर्ष पहले अपनी शुरुआती सफर से लेकर अबतक एक अरब लोगों को ढोने का रिकार्ड बनाया। इस दौरान मेट्रो ने नई उचाइयां हासिल की। राजधानी की जीवन रेखा बनी मेट्रो इस साल दिल्ली की सीमा पार कर 13 नवंबर को उत्तर प्रदेश के नोएडा तक पहुंची।
इस वर्ष मेट्रो निर्माण स्थलों पर कुछ दुर्घटनाएं भी देखी गई। दक्षिण दिल्ली के जमरुदपुर में जुलाई में हुए हादसे के दौरान छह श्रमिकों की मौत हो गई जबकि 15 लोग घायल हो गए।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष मेट्रो के किराए में 36 फीसदी की बढ़ोतरी की गई।
हवाईअड्डा:
इंदिरा गांधी हवाइअड्डे (आईजीआई)के सभी नए घरेलू टर्मिनल अप्रैल में शुरू हुए। इन नए घरेलू टर्मिनलों को बनाने में 500 करोड़ की लागत आई। इन नए टर्मिनलों में एक तरफ जहां 72 जांच काउंटर बनाए गए वहीं इन टर्मिनलों को 14 सुरक्षा चैनल और चार स्तरीय लाइन बैगेज हैंडलिंग प्रणाली से लैस किया गया।
हरित दिल्ली:
भारतीय वन सर्वे (एफएसआई) द्वारा जारी वर्ष 2009 की सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली के हरित क्षेत्र में 16.58 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की वृद्धि हुई है।
होटलों में अधिक कमरों की व्यवस्था:
अगले साल होने वाले राष्ट्रमण्डल खेलों के मद्देनजर दिल्ली पर्यटन मंत्रालय ने शहर में आवास और खानपान योजना के तहत 11,00 कमरों को चिन्हित किया है। इस योजना के तहत 3,000 कमरे चिन्हित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
लो-फ्लोर बसें:
इस वर्ष दिल्ली में 300 लो-फ्लोर बसें चलाने की शुरुआत की गई। अधिकारियों के अनुसार दो सप्ताह के अंदर 100 ओर बसें इस दस्ते में जोड़ी जाएंगी जिससे इनकी संख्या बढकर 1,000 तक पहुंच जाएगी।
सीएनजी लो-फ्लोर बसों के मामले में विश्व का पहला शहर बनाने के लिए सरकार 2010 तक 3,500 और लो-फ्लोर बसें लाने का प्रयास कर रही है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।