तारों से निकलने वाली तप्त सामग्रियों का आकार तय करता है चुंबकीय बल
रोचेस्टर विश्वविद्यालय में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोफेसर एडम फ्रैंक और उनके सहयोगियों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि तारों से प्रचंड वेग के साथ निकलने वाली सामग्रियों का आकार चुंबकीय बल तय करते हैं।
एडम कहते हैं, "अब तक इस परिघटना की सामान्य व्याख्या यह रही है कि ये सामग्रियां अग्नि पिंड के फव्वारे की शक्ल में निकलती हैं और यह प्रवाह तब टूटता है जब अंतरिक्ष में मौजूद गैस एवं धूल के संपर्क में यह आता है। यह व्याख्या प्रामाणिक नहीं है।"
इंपेरियल कालेज लंदन में एडम के सहयोगी सर्गेई लेबेदेब की टीम ने इस शोध को अंजाम दिया। कालेज की प्रयोगशाला का चयन इस शोध के लिए हुआ। इस शोध के तहत वैज्ञानिकों ने एल्युमिनियम डिस्क में ऊर्जा पुंज प्रवाहित किया। एक सेकेंड के अरबवें हिस्से से भी कम समय में डिस्क का वह हिस्सा वाष्पित हो गया और वहां प्लाजमा क्लाउड बन गया। इसके कारण डिस्क के जिस हिस्से में छेद हुआ वहां चुंबकीय क्षेत्र बन गया। इस चुंबकीय बल ने प्लाजमा को हाशिए की ओर धक्का दिया और वहां एक बुलबुला बन गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।