बिहार में अराजपत्रित कर्मचारियों की हड़ताल 25 वें दिन भी जारी
सूत्रों के मुताबिक मोदी के साथ अधिकारियों की बैठक में हड़ताल को लेकर लंबी चर्चा हुई। लेकिन बैठक में हिस्सा लेकर लौटे कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने इसे एक औपचारिक बैठक बताया।
उन्होंने कहा कि वेतनमान की विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार की ओर से वेतन समिति का गठन कर दिया गया है। यह समिति कर्मचारियों की उचित मांगों पर विचार करेगी।
बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि सरकार हड़ताली कर्मचारियों के साथ ओछी राजनीति कर रही है।
राज्य सचिवालय सेवा संघ की अध्यक्ष नीलम कपूर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने वादे से पीछे हट रही है। सरकार को कर्मचारियों की मांगों पर विचार करनी चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के राज्य सचिव राजाराम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुशासन का नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार बंद में भाकपा (माले) के अलावा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) भी शामिल होगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य के अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ और राज्य सचिवालय संघ तथा शिक्षकों के सात संगठनों वाले मोर्चे (बिहार राज्य प्राथमिक-माध्यमिक शिक्षाकर्मी संयुक्त मोर्चा) के लगभग तीन लाख कर्मचारी 7 जनवरी से हड़ताल पर हैं। ये कर्मचारी केंद्र सरकार की तर्ज पर छठें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।