कड़ी सुरक्षा के बीच मना गणतंत्र दिवस (राउंडअप)
दिल्ली समेत सभी राज्यों में गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए गए थे। जम्मू कश्मीर, उड़ीसा और उत्तरपूर्वी राज्यों में अलगाववादियों ने गणतंत्र दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्वान किया था।
राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने परेड की सलामी ली। कजाकस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव इस मौके पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने इस मौके पर शहीदों के परिजनों को अशोक चक्र प्रदान किया। इनमें मुंबई हमले में शहीद हुए गए जवान भी शामिल थे।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "राजधानी में गणतंत्र दिवस से जुड़ा हर समारोह शांतिपूर्ण रहा। यह सभी सुरक्षा एजेंसियों में प्रभावी तालमेल और कड़े सुरक्षा इंतजाम की वजह से संभव हो सका है।"
नोएडा में रविवार तड़के मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के मारे जाने के बाद राजधानी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया था।
राजधानी में गणतंत्र दिवस के मौके पर सुरक्षा बलों की 198 कंपनियों को तैनात किया गया था। रविवार रात से ही दिल्ली में आने वाले वाहनों की तलाशी सुरक्षा बलों ने शुरू कर दी थी।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एन. एन. वोहरा ने जम्मू के मौलाना आजाद स्टेडियम में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अलगाववादियों को हिंसा की बजाय किसी भी मामले के लोकतांत्रिक हल में यकीन करना चाहिए।
कश्मीर घाटी में गणतंत्र दिवस समारोह शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया। इस दौरान अलगाववादियों के बहिष्कार के बावजूद समारोह में भारी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में मौजूद भीड़ अप्रत्याशित थी। स्टेडियम में स्कूली बच्चों के अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों ने कदम से कदम मिलाकर पूरे समारोह को आकर्षक बना दिया।
राज्य में गांदेरबल, बारामूला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा, बडगाम, पुलवामा और अनंतनाग में गणतंत्र दिवस शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में गणतंत्र दिवस का मुख्य समारोह लाल परेड मैदान में आयोजित किया गया। राज्यपाल डॉ़ बलराम जाखड़ ने ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। इस मौके पर प्रदर्शित झांकियों ने प्रदेश के विकास की कहानी बयान की।
झारखंड के राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी ने राजधानी रांची में गणतंत्र दिवस परेड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक अस्थिरता के कारण ही प्रदेश विकास के मामले में पीछे रह गया।
उन्होंने कहा, "अगर राज्य के हालात पर ईमानदारी से गौर किया जाए तो पता चलेगा कि राज्य में विकास ठीक ढंग से नहीं हुआ है। राज्य बुनियादी ढांचे, ग्रामीण विद्युतीकरण, गांवों को जिलों से जोड़ने, सिंचाई और अन्य मामलों में पिछड़ गया है।"
राष्ट्रीय दिवसों का आयोजन राजधानी से बाहर राज्य के किसी शहर में करने की नीति को जारी रखते हुए गुजरात सरकार ने इस वर्ष गोधरा में गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया।
गोधरा के एसआरपी परेड मैदान में राज्यपाल नवल किशोर शर्मा ने झंडा फहराया। मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी समारोह में हिस्सा लिया।
बिहार में भी 60 वां गणत्रंत दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया गया जहां राज्यपाल आऱ एल़ भाटिया ने ध्वजारोहण किया।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ई. एस. एल. नरसिम्हन ने गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड की सलामी ली और राज्य में नक्सलियों से जूझ रहे सुरक्षा बलों के दृढ़संकल्प की सराहना की।
पुलिस परेड मैदान में जुटे जन समूह को संबोधित करते हुए नरसिम्हन ने कहा, "मैं, सुरक्षा बलों व राज्य के नागरिकों द्वारा नक्सली हिंसा को समाप्त करने हेतु लिए गए संकल्प की सराहना करता हूं।"
उड़ीसा के राज्यपाल मुरलीधर चंद्रकांत भंडारी ने गणतंत्र दिवस परेड की सलामी ली। इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। राज्य के नक्सल प्रभावित दक्षिणी व पश्चिमी जिलों में नक्सलियों के बहिष्कार के बावजूद गणतंत्र दिवस समारोहों में हजारों लोगों ने शिरकत की। राजधानी भुवनेश्वर में भंडारी के ध्वजारोहण करने के बाद महात्मा गांधी मार्ग पर एक जूलुस निकाला गया।
राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कटक में गणतंत्र दिवस समारोह में परेड की सलामी ली।
राज्य के कुछ जिलों में नक्सलियों ने पर्चे बांटकर गणतंत्र दिवस समारोहों का बहिष्कार करने को कहा था। उप पुलिस निरीक्षक (दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र) संजीव पांडा ने आईएएनएस को बताया कि बहिष्कार के बावजूद गणतंत्र दिवस समारोहों में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।