मुहब्बत को आखिर मिल ही गया मुकाम !
जबलपुर जिले के तिलसानी गांव के जनजातीय परिवारों से नाता रखने वाले 22 वर्षीय संजू उरैती और सरस्वती मरावी की प्रेम कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है। जब दोनों छोटे थे तब उनके नैन चार हुए और उन्होंने साथ जीने मरने की कसमें खाई।
दोनों जवान होकर घर बसाने के सपने को रूप दे पाते कि सरस्वती का मामा मान सिंह खलनायक बनकर सामने आ गया। मामा के विरोध के आगे दोनों का जीना हराम हो गया। दोनों ने तय किया कि वे शादी करेंगे चाहे इसके लिए उन्हें बगावत ही क्यों न करना पड़े। इसी बीच उनके लिए जबलपुर परिवार परामर्श केन्द्र उनके लिए मददगार बनकर आ गया।
परामर्शदाता अंशुमान शुक्ला ने आईएएनएस को बताया है कि शुक्रवार को दोनों पक्षों के लोगों को बुलाकर समझौता कराया गया। सरस्वती के नाना छदामी लाल ने शादी को मंजूरी दे दी। तभी परिवार परामर्श केन्द्र में ही संजू और सरस्वती ने एक-दूसरे को जयमाला पहनाईऔर दोनों की शादी करा दी गई।
शुक्ला बताते है कि परिवार परामर्श केन्द्र में दोनों परिवार खुशी खुशी रस्म अदायगी के लिए तैयार हो गए, जबकि विधिवत शादी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत कराई जाएगी। अब संजू और सरस्वती खुश हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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