मप्र में 38 विधायकों के निर्वाचन को अदालत में चुनौती
पिछले साल दिसम्बर में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। इन नतीजों में कई उम्मीदवार तो बहुत ही कम मतों के अंतर से अपना चुनाव जीते थे। ऐसे ही पराजित उम्मीदवारों ने निर्वाचित उम्मीदवारों की जीत को न्यायालय में चुनौती दे डाली है।
मिली जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय की जबलपुर खंडपीठ में 23, ग्वालियर में आठ और इन्दौर में सात चुनाव याचिकाएं दायर की गई हैं। जन प्रतिनिधि कानून के मुताबिक चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिन के भीतर निर्वाचन को चुनौती दी जा सकती है। गुरुवार को चुनाव याचिका दायर करने का अंतिम दिन होने के कारण याचिकाकर्ताओं का उच्च न्यायालय में मेला सा लगा रहा। वर्ष 2003 के विधानसभा निर्वाचन पर नजर दौड़ाए तो पता चलता है कि तब सिर्फ सात उम्मीदवारों के निर्वाचन को ही चुनौती दी गई थी।
इस दफा जिन उम्मीदवारों के निर्वाचन को चुनौती दी गई है उनमें अनूप मिश्रा, नरोत्तम मिश्रा, जयंत मलैया, विश्वास सारंग, नीना वर्मा, रामदयाल अहिरवार, राजकुमार उरमलिया प्रमुख हैं। अधिकांश याचिकाकर्ताओं ने मतगणना के दौरान डाक मतपत्रों में हेरा फेरी और ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं। पिछले चुनावों में निर्वाचित उम्मीदवार पर भ्रष्ट आचरण और चुनाव प्रचार में गलत हथकंडे अपनाने के आरोप लगते रहे है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।