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ओबामा ने कहा, नए विश्व का निर्माण करेंगे (राउंडअप)

By Staff
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ओबामा ने मंगलवार को अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेकर इतिहास की नई इबारत लिखी। लाल रंग के मखमल में लिपटी उस बाइबल पर हाथ रखकर ओबामा ने शपथ लिया जिससे अब्राहम लिंकन ने वर्ष 1861 में पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। बाइबल को उनकी पत्नी मिशेल ने थाम रखा था। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश जान राबर्ट्स ने ओबामा को पद की शपथ दिलाई।

ओबामा के शपथ ग्रहण समारोह में 20 लाख से अधिक जन सैलाब उमड़ा। इस ऐतिहासिक क्षण में मात्र 30 सेकेंड के भीतर दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का प्रशासन जार्ज बुश से ओबामा के हाथों में चला गया।

इतिहास के इस पल का साक्षी बनने के लिए जुटे तकरीबन 20 लाख से अधिक लोगों को संबोधित करते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिका के संस्थापकों ने उन संकटों का सामना करते हुए कानून के शासन और मानव के अधिकारों को स्थापित किया, जिनकी हम शायद ही कल्पना कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि वे आदर्श आज भी दुनिया को राह दिखा रहे हैं। हम अपनी सुविधा के लिए उनको नहीं छोड़ सकते। आज दुनिया में अन्य सरकारें और लोग हमारी ओर देख रहे हैं। बड़ी राजधानियों और उस छोटे गांव में जहां मेरे पिता पैदा हुए थे, हर महिला, पुरुष और बच्चा जो शांति और गरिमापूर्ण भविष्य चाहता है अमेरिका को एक मित्र के रूप में जानता है और हम एक बार फिर उनका नेतृत्व करने को तैयार हैं।

ओबामा ने कहा कि हमने डर व भय को पीछे छोड़ आशा व विश्वास की नई राह पकड़ी है। हमारे सामने कई चुनौतियां मुंह बाये खड़ी है। हम दृढ़ता से उनका मुकाबला करेंगे।

ओबामा ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध और मौजूदा आर्थिक संकट का जिक्र करते हुए कहा, "ये जो समस्याएं हमारे सामने हैं वे वास्तविक हैं। ये संकट की ओर इशारा करती हैं। इसे अल्प समय में खत्म नहीं किया जा सकता। हमें पूरे राष्ट्र में विश्वास पैदा करना होगा। आज यह डर व्याप्त है कि अमेरिका का पतन अवश्यंभावी है। हमें अपनी अगली पीढ़ी के भविष्य को संवारना होगा। अमेरिकी जनता इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।"

अमेरिकी सेना के इराक से वापस लौटने की घोषणा करते हुए ओबामा ने कहा, "केवल हमारी ताकत ही हमें सुरक्षित नहीं रख सकती। ना ही यह हमें अपनी मनमर्जी करने का अधिकार देती है। हमारी सुरक्षा हमारे उद्देश्यों की शुचिता, हमारे आचरण की उदाहरणीय शक्ति और विनम्रता से जुड़ी है।"

उन्होंने कहा कि इराक को उसके लोगों के हवाले छोड़ा जाएगा और अफगानिस्तान में कठिनाई से अर्जित शांति को मजबूत बनाया जाएगा।

इससे पहले, उन्होंने गोलियों और बंदूकों के साए तले आतंक मचाने वाले आतंकवादियों को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि हम आतंकवाद को हराकर ही दम लेंगे।

ओबामा ने कहा, "आतंक फैलाने और इसके जरिए निर्दोषों की हत्या करने वालों से हम कहते हैं कि हमारे इरादे बहुत मजबूत हैं और उसे कोई डिगा नहीं सकता। आप हमसे बच नहीं सकते। हम आपको हराकर ही दम लेंगे।"

अमेरिका को ईसाइयों, मुसलमानों, यहूदियों, हिन्दुओं और किसी भी धर्म में विश्वास न करने वालों का राष्ट्र बताते हुए ओबामा ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि अमेरिका में विभिन्न धर्मो के लोग रहते हैं। यह हमारी मजबूती का प्रतीक है न कि कमजोरी का।"

उन्होंने कहा, "विश्व के कोने-कोने से आई भाषाओं व संस्कृतियों से हमारा देश बना है। नागरिक युद्ध का खट्टा अनुभव भी है हमें। इन सबके बावजूद हम एक हैं। शांति के नए युग की शुरुआत करने के लिए अमेरिका को अहम भूमिका निभानी होगी।"

ओबामा ने कहा, "मैं राष्ट्रपति बुश को उनकी देश सेवा के लिए धन्यवाद देता हूं। हमारे पास अकूत क्षमताएं हैं। आज से हम अमेरिका का पुननिर्माण करेंगे। हम नई नौकरियों का सृजन करेंगे। सरकारी खर्च के लिए जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।"

उन्होंने कहा, "हम नए खतरों का सामना कर सकते हैं। हमारे पास मजबूत इच्छाशक्ति है। हमारे यहां ईसाई, यहूदी, मुस्लिम और हिंदू हैं। हमारे यहां सभी धर्मो के लोग हैं।"

ओबामा ने कहा, "हम गरीब राष्ट्रों के साथ काम करेंगे। हम विकसित राष्ट्रों से कहेंगे कि हम अपनी सीमाओं से बाहर प्रभावित हो रहे गरीब और कमजोर तबके के प्रति संवेदनहीन नहीं रह सकते।"

उन्होंने कहा, "हमारी चुनौतियां नई हो सकती हैं, उससे निपटने के तरीके नए हो सकते हैं, पर हमारे पास शाश्वत मूल्य हैं।"

अमेरिकी समय के अनुसार जैसे ही घड़ी ने दोपहर के 12 बजाए ओबामा अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के लिए खड़े हुए। आज से दो वर्ष पहले यह कल्पना भी नहीं की जा सकती थी जिसे आज पूरी दुनिया ने देखा और सराहा।

दुनिया भर में करोड़ों लोगों ने 'ए न्यू बर्थ ऑफ फ्रीडम' थीम वाले शपथ ग्रहण समारोह को देखा। इस मुहावरे का उपयोग गृहयुद्ध में देश की रक्षा करने और गुलामी की प्रथा खत्म करने वाले अब्राहम लिंकन ने किया था।

इसके बाद ओबामा ने अपना भाषण दिया। उनके भाषण के हर शब्द को सुनने के लिए कड़ी ठंड के बावजूद लोग खड़े थे।

जो बिडेन ने भी उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। उनको सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जान पॉल स्टीवेंस ने शपथ दिलाई।

शपथ ग्रहण समारोह स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे नौसेना बैंड के संगीत कार्यक्रम , सैन फ्रांसिस्को बॉयज के कोरस और प्रसिद्ध गायिका एरेथा फ्रेंकलिन के गायन से आरंभ हुआ।

फ्रेंकलिन ने "माई कंट्री" गीत गाया। यह अमेरिका के सबसे लोकप्रिय देशभक्ति गीतों में से एक है।

कैलिफोर्निया की सीनेटर डियाना फिएनस्टीन ने नए राष्ट्रपति का स्वागत और पूर्व राष्ट्रपति को विदाई दी।

ओबामा ने बुश के सत्ता छोड़ने के समय पारंपरिक रस्म को निभाते हुए उनको कैपिटल के दूसरी ओर तक छोड़ा जहां एक हेलीकाप्टर टेक्सास स्थित उनके घर ले जाने के लिए बुश का इंतजार कर रहा था।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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