ग्वालियर में खुलेगा चिकित्सा विश्वविद्यालय
ग्वालियर को मिलने वाली यह तीसरी सौगात होगी। इससे पहले मानसिंह संगीत विश्वविद्यालय और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विष्वविद्यालय यहां स्थापित किए गए हैं। मिलने वाली नई सौगात का जिक्र करते हुए मिश्रा ने कहा कि ग्वालियर में जो चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होगा उसमें एलोपैथिक, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों की पढ़ाई होगी। साथ ही इन चारों पद्धतियों पर शोध कार्य होंगे। मिश्रा ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के लिए आगामी बजट में प्रावधान होगा।
प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का ब्योरा देते हुए मिश्रा ने बताया कि एम़ बी़ बी़ एस़ करने वालों को तीन साल तक गांव में सेवाएं देनी होंगी और जो स्नातकोत्तर (एम़ डी़) शिक्षा अर्जित करेंगे उन्हें दो साल गांव में रहकर कार्य करना होगा। इसी तरह निजी नर्सिग कॉलेज से प्रशिक्षण लेने वालों को तीन साल तक मध्यप्रदेश में रहकर सेवाएं देनी होंगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी चिकित्सकों को साफ तौर पर हिदायत दी कि वे दिल लगाकर काम करें। अगर वे ऐसा नहंीं करना चाहते तो वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लें। चिकित्सकों को ड्यूटी के दौरान एप्रिन पहनना होगा। इतना ही नहीं चिकित्सकों पर नजर रखने के लिए ड्यूटी को ऑन लाइन किया जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।