इजरायली सेना गाजा के मध्य में पहुंची,
न्यूयार्क/गाजा सिटी/संयुक्त राष्ट्र, 15 जनवरी (आईएएनएस)। इजरायली थल सेना गुरुवार को गाजा शहर के मध्य भाग में पहुंच गई है। स्थानीय हमास के लड़ाकों के साथ उसका कड़ा संघर्ष चल रहा है। इस बीच अंतर्राष्ट्रीय प्रयास संघर्ष विराम के करीब पहुंच रहे हैं।
समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार संयुक्त राष्ट्र और जर्मनी के शीर्ष राजनयिक जेरूसलम और तेल अवीव में इजरायली नेताओं के साथ वार्ता की। गाजा शहर के निवासियों ने कहा है कि शहर के मध्य में इजरायली सेनाएं और हमास लड़ाकों के मुख्य केंद्र की दूरी केवल आधा किलोमीटर रह गई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टैंकों से लैस इजरायली सेना इस्लामिक विश्वविद्यालय और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के नजदीक पहुंच गई है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और जर्मन विदेशमंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर ने जेरूसलम और तेल अवीव में गुरुवार को इजरायली राष्ट्रपति शिमोन पेरेज, कार्यवाहक प्रधानमंत्री एहुद ओल्मर्ट और विदेशमंत्री जिपी लिवनी से वार्ता की।
उधर संयुक्त राष्ट्र महासभा गाजा में इजरायल-हमास संघर्ष पर चर्चा के लिए गुरुवार को एक बैठक बुलाई गई है। इस बैठक की मांग अधिकांश गुटनिरपेक्ष देशों से हो रही थी।
गाजा पट्टी में जारी इजरायल-हमास संघर्ष में अब तक 300 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है और 1500 घायल हुए हैं। इस बीच इजरायल द्वारा गाजा में किए गए हमलों के विरोध में बोलिविया और वेनेजुएला ने इजरायल से कूटनीतिक संबंध समाप्त करने की घोषणा की है।
उधर संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी दूत मोहम्मद खाजई ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष मिग्वेल डिकोस्टो ब्रॉकमैन को पत्र भेजकर ईरान के प्रस्ताव की जानकारी दी। खाजई और ब्रॉकमैन ने गाजा पर इजरायली हमले रुकवाने के उपायों पर भी 40 मिनट तक चर्चा की।
ईरान के प्रस्ताव में कहा गया है कि गाजा के निर्दोष नागरिकों पर हमले तत्काल रोके जाएं, गाजा से इजरायली सेना को तत्काल हटाया जाए, गाजा की घेराबंदी खत्म की जाए, गाजा को जाने वाले सभी रास्तों को फिर से खोला जाए तथा वहां के लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाए जाएं।
खाजई ने अपने पत्र में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बात से परिचित है कि गाजा के लोग जीवन की बुनियादी जरूरतों से भी वंचित हैं। सैकड़ों परिवारों को बबर्र ढंग से निशाना बनाया जा रहा है।
गाजा में गत 27 दिसंबर में जारी संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1000 से ज्यादा हो गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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