शेख हसीना ने दूसरी बार संभाली बांग्लादेश की बागडोर (लीड-1)
प्रधानमंत्री के रूप में यह उनकी दूसरी पारी होगी। पिछले महीने हुए आम चुनाव में हसीना के नेतृत्व वाले गठबंधन ने भारी सफलता दर्ज की थी।
इसके पहले उन्होंने वर्ष 1996-2001 के बीच प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली थी।
61 वर्षीय हसीना को राष्ट्रपति इयाजुद्दीन अहमद ने बंगभवन (राष्ट्रपति भवन) के दरबार हाल में आयोजित एक समारोह में शपथ दिलाई।
हसीना की अवामी लीग के नेतृत्व वाले नौ दलीय गठबंधन ने पिछले दिनों हुए आम चुनाव में संसद की 299 सीटों में से 259 सीटें जीत ली थी। अवामी लीग ने अकेले 230 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
एक प्रत्याशी की मौत के कारण एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
हसीना के लिए सुखद यह भी रहा कि प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन पहले ही ढाका की एक अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया। यह मामला कार्यवाहक सरकार द्वारा उन पर चलाया गया था।
हसीना की धुर विरोधी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खलिदा जिया व उनके प्रमुख सहयोगी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। जिया ने अपनी जगह पार्टी का एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजा था।
शपथ ग्रहण समारोह में सैन्य समर्थित कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार फखरुद्दीन अहमद, सेना प्रमुख जनरल मोईन यू. अहमद, मुख्य चुनाव आयुक्त ए.टी.एम. शमसुल हुदा सहित तमाम नामी-गिरामी हस्तियां उपस्थित थीं।
बांग्लादेश में आम चुनाव वर्ष 2007 के जनवरी महीने में ही होना तय था। लेकिन देश में भड़की राजनीतिक हिंसा के कारण 11 जनवरी 2007 को आपातकाल लागू कर दिया गया और चुनाव स्थगित हो गया।
उसके बाद सैन्य समर्थित मुख्य सलाहकार फखरुद्दीन अहमद की कार्यवाहक सकरार ने बांग्लादेश की बागडोर संभाली।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।