मुंबई आतंकी हमलों में पाक की भूमिका होने के पर्याप्त सबूत : प्रधानमंत्री (लीड-3)
प्रधानमंत्री ने आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे कुछ पड़ोसी मुल्कों की सरकारें काफी कमजोर हैं। सरकार जितनी ही कमजोर होगी, उसका रवैया उतना ही गैर-जिम्मेदाराना होगा। आतंकवाद से जुड़ी हमारी कई जांच रिपोर्टो पर पाक का गैर-जिम्मेदाराना रवैया इसका सटीक उदाहरण है।"
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एकजुट है और आतंकवादी अपने मकसद में कभी सफल नहीं होंगे। यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री ने मुंबई की घटना के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लंबे समय से भारत विरोधी तत्वों का पनाहगार बना हुआ है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, "भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है। आतंकवाद पाकिस्तान की भारत संबधी नीति का हिस्सा बन चुका है। वह लंबे समय से इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ हथियार के तौर पर करता रहा है।" उन्होंने भारत की 7500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा पर गहन निगरानी रखे जाने की जरूरत पर बल दिया।
आतंकवाद की व्याख्या सिर्फ सैन्य संदर्भो में ही नहीं हो
प्रधानमंत्री डा़ मनमोहन सिंह ने आगाह किया कि आतंकवाद की व्याख्या सिर्फ सैन्य संदर्भो में ही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने 'बेहतर जांच' और 'सर्वश्रेष्ठ निगरानी' प्रयासों के जरिए इस चुनौती से निपटने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, "आतंकवाद को अंजाम देने वालों का मकसद देश के कई विकास क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना होता है। ऐसे में आतंकवाद की व्याख्या सिर्फ सैन्य परिप्रेक्ष्य में ही नहीं की जानी चाहिए।"
उन्होंने इस चुनौती से निपटने के लिए खुफिया तंत्र को पूरी तरह दुरुस्त करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, "जो देश आतंकवाद का इस्तेमाल अपनी विदेश नीति के हथियार के तौर पर कर रहे हैं उन्हें विश्व बिरादरी के बीच अलग-थलग किए जाने की जरूरत है। हमें यह साबित करना होगा कि हमारे देश जैसा सजग बहुलवादी एवं धर्मनिरपेक्ष समाज ही आतंकवाद के खिलाफ पुख्ता रक्षात्मक कवच हो सकता है।"
आपदा प्रबंधन समूह निपटेगा आतंकवादी वारदातों के नतीजों से
प्रधानमंत्री डा़ मनमोहन सिंह ने कहा है कि खुफिया जानकारियों को इकट्ठा करने और उनके विश्लेषण के लिए मल्टी-एजेंसी सेंटर ने काम करना शुरू कर दिया है, जबकि आतंकवादी वारदातों के अंजाम से निपटने के लिए देश में एक स्थायी आपदा प्रबंधन समूह काम करेगा।
उन्होंने कहा, "हाल ही में मैंने संसद में इस आपदा प्रबंधन समूह की चर्चा की थी। यह समूह आतंकी वारदातों के नतीजों से निपटेगा। इस समूह का गठन किया जा रहा है। यह समूह देश के किसी भी हिस्से में आतंकवादी वारदात होने पर कदम उठाएगा।"
मुंबई कांड के बाद सरकार द्वारा सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "देश की समुद्री सुरक्षा को पुख्ता बनाने के प्रयास तेज हो गए हैं। देश की समुद्री और हवाई सुरक्षा की त्रुटियां दूर करने की कोशिश की जा रही है। आतंकवाद विरोधी सुरक्षात्मक ढांचे को और मजबूत किया जा रहा है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि सुरक्षा नेटवर्क को पूरी तरह चाक-चौबंद बनाकर ही इस चुनौती से निपटा जा सकता है।
सभी खुफिया सूचनाएं कार्रवाई लायक होती हैं
प्रधानमंत्री डा़ मनमोहन सिंह ने इस धारणा को खारिज कर दिया है कि विभिन्न खुफिया एजेंसियों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली खुफिया जानकारियों में से कई जानकारियां कार्रवाई लायक नहीं होती।
आंतरिक सुरक्षा पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसी शिकायतें मिलती रही हैं कि संभावित हमलों के बारे में खुफिया जानकारियां कार्रवाई के लायक नहीं होती हैं। मैं ऐसा नहीं मानता। ऐसी सूचनाएं अमल के लायक होती हैं, यह अलग बात है कि इनमें से कई सूचनाएं सटीक नहीं होती।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि आगाह करने वाली इन सूचनाओं पर कार्रवाई इस पर निर्भर करता है कि जिसे सूचना मिली है वह इसके प्रति कितना संजीदा है। कार्रवाई की दिशा इस पर भी निर्भर करती है कि सूचना पाने वाला व्यक्ति इस पर अमल करने में किस हद तक सक्षम है।
उन्होंने कहा, "सबसे अहम बात यह है कि इन सूचनाओं का कितना बारीक विश्लेषण और आकलन किया जाता है।" साथ ही उन्होंने आपात स्थिति में ग्राम, प्रखंड और जिला स्तर पर व्यापक सूचना प्रणाली विकसित करने के लिए जानकारियों की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।