भोपाल की बड़ी झील के लिए शिवराज ने भी किया श्रमदान
बड़ी झील की बिगड़ती तस्वीर ने राजधानी में पेयजल संकट बढ़ा दिया है। यह स्थिति सभी को चिंता में डालने वाली है। मुख्यमंत्री शिवराज भी इससे वाकिफ हैं। इसलिए उन्होंने बड़ी झील के उद्धार के लिए अभियान 'अपना सरोवर अपनी धरोहर, बड़ा ताल संरक्षण' की शुरुआत श्रमदान करके की। चौहान ने बड़ी झील के सूखे हिस्से में खुद फावड़ा और कुदाली चलाकर एक सार्थक अभियान का श्रीगणेश किया।
चौहान ने कहा है कि पानी की हर बूंद बचाने के लिए शासन और समाज को मिलकर काम करना होगा। गांव के तालाब सूख रहे हैं, उन्हें बचाने की जिम्मेदारी सभी की है। मुख्यमंत्री ने बड़ी झील के स्वच्छता अभियान के लिए अपने एक माह के वेतन की राशि भी देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री की ही तरह नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर, भोपाल नगर निगम के महापौर सुनील सूद और कई अन्य जन प्रतिनिधियों ने भी इस अभियान में अपने एक माह के वेतन की राशि देने की घोषणा की है।
राजधानी की लगभग एक-तिहाई आबादी को जलापूर्ति करने वाली बड़ी झील 11वंीं शताब्दी में बनी थी। पहले इसका भराव क्षेत्र 31 वर्ग किलोमीटर हुआ करता था, जो अब घटकर सिर्फ नौ वर्ग किलोमीटर ही रह गया है। जलभराव का स्तर पहले 1666 फुट था जो 14 फुट नीचे आकर वर्तमान में 1651 फुट ही रह गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।