सीधे मस्तिष्क से संबंधित होता है लाइट सेंसर
रेटिना-रॉड और कोन में पाई जाने वाली सामान्य प्रकाश-संवेदी कोशिकाओं के उलट लाइट सेंसर का इस्तेमाल वस्तुओं को देखने में नहीं होता है। ये लाइट सेंसर रेटिना में पाई जाने वाले ऐसी शिरा कोशिकाएं हैं जिनमें मेलानॉप्सिन अणु होते हैं। इन अणुओं का इस्तेमाल देखने में नहीं होता।
ये लाइट सेंसर आंखों की रोशनी के स्तरों को तय करते हैं। इससे बॉडी क्लॉक को संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। ये सेंसर सीधे दिमाग से संपर्क कर त्वरित संवेदी निर्देश हासिल कर आंखों की पुतलियों का संकुचन तय करते हैं।
जॉन हॉपकिन्स इंस्टीट्यूट के शोधकर्ता माइकल डो ने कहा, "हमने चूहों पर प्रयोग कर इन कोशिकाओं की प्रकाश संवेदी क्षमताओं का पता लगाया है। इनमें से एक कोशिका से निकली विद्युत तरंगों का अध्ययन कर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि ये सेंसर सीधे दिमाग को सूचित करते हैं। ये कोशिकाएं प्रकाश संवेदी नहीं होतीं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।