मप्र में बाघ से लेकर सांप तक ले सकते हैं गोद
प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित राष्ट्रीय उद्यान वन विहार ने वन्य प्राणियों को गोद देने की अभिनव योजना की शुरुआत की गई है। इन वन्य प्राणियों को एक माह से साल भर तक के लिए गोद लिया जा सकेगा। वन राज्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल बताते हैं कि इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अथवा संस्था उद्यान के बाघ, सिंह, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, रीछ, सियार, मगर, घड़ियाल, अजगर, सांप आदि को गोद ले सकता है।
तय की गई इस योजना के मुताबिक गोद लेने वाले व्यक्ति को इन जीवों के भोजन और रखरखाव पर होने वाले खर्च की पूर्ति करना होगी। बाघ पर जहां वार्षिक खर्च सवा लाख रुपये आएगा वहीं शेर पर एक लाख 10 हजार, तेंदुए पर 50 हजार और सबसे कम सांप पर दो हजार रुपये का खर्च आएगा।
वन राज्य मंत्री के मुताबिक वन्य प्राणियों को संस्था या व्यक्ति वार्षिक, अर्धवार्षिक, त्रैमासिक और मासिक आधार पर गोद ले सकता है। गोद लेने पर व्यय होने वाली राशि आयकर से मुक्त होगी और संबंधित व्यक्ति की नामपट्टिका वन्य प्राणी के बाड़े के सामने लगाई जाएगी। इतना ही नहीं गोद लेने की अवधि में नाम और राशि दोनों राष्ट्रीय उद्यान के प्रवेश द्वार पर दर्ज रहेगी।
गोद लेने से प्राप्त होने वाली धन राशि को मध्यप्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसायटी में जमा की जाएगी और संबंधित व्यक्ति को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। जो व्यक्ति वन्य प्राणी को गोद लेगा उसके परिवार के अधिकतम छह सदस्यों को सप्ताह में एक बार गोद लिए गए प्राणी को देखने के लिए उद्यान में मुफ्त प्रवेश दिया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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