भारत ने पाकिस्तान के इंकार पर आश्चर्य जताया, कानूनी ढांचे व खुफिया तंत्र को किया चुस्त (राउंडअप)
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने बुधवार को आतंक विरोधी दो कानूनों को अपनी सहमति दे दी। इसमें आतंकवादी हमलों की जांच के लिए एक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का गठन भी शामिल है।
उधर, गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने वर्ष 2001 में विभिन्न जांच एजेंसियों व राज्य पुलिस के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान के समन्वयन के लिए इंटेलीजेंस ब्यूरो में बनाए गए एक प्रकोष्ठ को, जो कि अभी तक सुषुप्तावस्था में पड़ा हुआ था, सक्रिय करने का आदेश जारी किया।
सबूत के सवाल पर पाकिस्तान के बयान का उपहास उड़ाते हुए चिदंबरम ने कहा कि जब गिरफ्तार आतंकवादी अजमल आमिर कसाब के पिता ने उसे अपना बेटा स्वीकार कर लिया, तो अब पाकिस्तान को मुंबई हमले से संबंधित और क्या व कितने सबूत चाहिए।
चिदंबरम ने पाकिस्तान के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत ने 26 नवंबर के मुंबई हमले से संबंधित सबूत उसे नहीं दिए हैं।
गृहमंत्री के रूप में एक महीना पूरा करने के बाद बुधवार को अपने पहले औपचारिक संवाददाता सम्मेलन में चिदंबरम ने यहां कहा, "यदि कोई इनकार करने पर ही तुला हो तो हम जो भी सबूत देंगे, वह उसे नहीं मानेगा।"
चिदंबर ने कहा, "सच्चाई तो यह है कि जिओ टीवी पर साक्षात्कार के दौरान अजमल कसाब के पिता ने उसे अपना बेटा स्वीकार किया है। कसाब ने पाकिस्तान से कानूनी मदद के लिए एक पत्र भी लिखा। इसके बाद पाकिस्तान को अब और कितने सबूत चाहिए।"
मुंबई हमले में शामिल कसाब अकेला ऐसा आतंकवादी है, जिसे जिंदा गिरफ्तार किया गया था।
चिदंबर के अनुसार मुंबई हमले की जांच प्रगति पर है और सही दिशा में चल रही हैं।
चिदंबरम ने इस बात का भी खुलासा किया कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल की मंजूरी मिलने के साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी का गठन पूरा कर लिया गया है।
इस एजेंसी का गठन आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं की जांच करने के लिए किया गया है।
गृहमंत्री ने कहा कि वर्ष 2001 में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) में ही बनाए गए मल्टी एजेंसी सेंटर (एमएसी) को सक्रिय करने के भी आदेश दे दिया गया है। यह प्रकोष्ठ अपनी स्थापना के समय से ही सुशुप्तावस्था में पड़ा हुआ था।
वर्ष 2001 में संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु की फांसी की सजा के सवाल पर चिदंबरम ने कहा कि मंत्रालय मामले की छानबीन कर रहा है।
चिदंबरम ने कहा, "कुल 27 लोग फांसी की कतार में हैं। अफजल गुरु भी उन्हीं में से एक है। हम इस मामले की छानबीन कर रहे हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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