प्रज्ञा और छह अन्य आरोपी 3 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में (लीड-2)
मुंबई, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सात आरोपियों को 3 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अदालत में प्रज्ञा ने आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) पर अश्लील सीडी सुनने के लिए बाध्य करने का आरोप लगाया। इस गहमागहमी के बीच अदालत की कार्यवाही कुछ देर के लिए रुक गई।
मालेगांव विस्फोट मामले के 10 में सात आरोपियों को सोमवार को मकोका (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून) अदालत में पेश किया गया। एटीएस ने रिमांड मांगा लेकिन विशेष न्यायाधीश ने सभी को 3 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत में सोमवार को जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई प्रज्ञा ठाकुर ने आरोप लगाया कि एटीएस अधिकारियों ने जांच में सहयोग नहीं करने पर उसे निर्वस्त्र करने की धमकी दी है।
प्रज्ञा ने एटीएस पर आरोप लगाया कि उसे अश्लील सीडी सुनने के लिए बाध्य किया गया। इसके साथ ही उसने शारीरिक और मानसिक याताना देने का आरोप भी लगाया।
इसके साथ ही प्रसाद पुरोहित ने भी एटीएस पर उनकी पत्नी को धमकाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन पर आरोप साबित करने के लिए एटीएस ने ही आरडीएक्स उनके घर पर रखवाया।
सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय ने भी एटीएस पर शारीरिक और मानसिक यंत्रणा देने का आरोप लगाया।
इनके अलावा अजय रैरीकर, गोपाल सिंह कालसंगरा, श्याम साहू, और समीर कुलकर्णी को भी अदालत में पेश किया गया।
एटीएस ने इन आरोपियों पर पिछले सप्ताह मकोका के कठोर कानून लगाए थे। मकोका लगाने के बाद इन आरोपियों को केस दर्ज होने की तारीख यानी 29 सितंबर के बाद से 180 दिन तक एटीएस को यह छूट मिल गई कि इन्हें कभी भी रिमांड पर ले सकती है।
साध्वी ने पिछले सप्ताह नासिक की अदालत में हलफनामा दाखिल कर एटीएस पर यंत्रणा देने के आरोप लगाए थे। इसके बाद इस मामले में राजनीति गरमा गई थी।
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी भारतीय जनता पार्टी नेता लाल कृष्ण आडवाणी से फोन पर बातचीत की थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन ने आडवाणी को साध्वी के आरोपों की जांच का आश्वासन दिया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।