अच्छी तरह हिंदी जानते हैं ओमानी टैक्सी ड्राइवर (मस्कट डायरी)
मस्कट, 9 नवंबर (आईएएनएस)। खाड़ी देशों के सभी बड़े शहरों में टैक्सी चालक अधिकांशत: भारतीय या पाकिस्तानी नागरिक होते हैं लेकिन ओमान में ऐसा नहीं है। वहां अधिकांश टैक्सी चालक स्थानीय निवासी हैं।
मस्कट, 9 नवंबर (आईएएनएस)। खाड़ी देशों के सभी बड़े शहरों में टैक्सी चालक अधिकांशत: भारतीय या पाकिस्तानी नागरिक होते हैं लेकिन ओमान में ऐसा नहीं है। वहां अधिकांश टैक्सी चालक स्थानीय निवासी हैं।
मस्कट के सभी टैक्सी ड्राइवर 'दिशदाशा' नामक एक पारंपरिक अरबी कोट पहने होते हैं जिससे उनके ओमानी नागरिक होने का पता चल जाता है। इसके बावजूद ओमान के टैक्सी चालक हिंदी में अच्छी तरह से बात करते हैं।
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ओमान का भारत के साथ काफी पुराना समुद्री संपर्क है और कई भारतीय यहां पीढ़ियों से रह रहे हैं। ओमान में पांच लाख भारतीय रहते हैं जो यहां का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है। ओमान में भारतीय प्रवासी प्रशिक्षित पेशों जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, बैंककर्मी, वित्त विशेषज्ञ और वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं।
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खाड़ी देशों के बड़े शहरों में जहां ऊंची इमारतें उनकी आर्थिक संपन्नता की सूचक हैं, वहीं मस्कट इस मामले एकदम भिन्न है। मस्कट ने काफी हद तक अपनी अरबी संस्कृति के स्थापत्य को कायम रखा है।
पिछले पांच साल से मस्कट में कार्यरत एक भारतीय पेशेवर ने बताया कि मस्कट में 11 मंजिल से अधिक ऊंची इमारत बनाने पर रोक है। किसी भी भवन के निर्माण की अनुमति अरबी आर्किटेक्च र से मिलती है और इसमें इमारत के रंगों के बारे में भी स्पष्ट निर्देश रहते हैं। मस्कट की अधिकांश इमारतें सफेद या हल्के भूरे रंग की होती हैं। ऐसा करने का एक कारण गर्मियों की तेज धूप को परावर्तित करना होता है।
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मस्कट में करीब एक साल पहले आए चक्रवात 'गोनू' से हुए नुकसान के चिह्न् अभी भी दिखाई देते हैं। प्रसिद्ध कुरम तट से लगी सड़क का निर्माण कार्य अभी भी जारी है। चक्रवाती तूफान के कारण यह सड़क टूट गई थी और मस्कट का खूबसूरत समुद्र तट बर्बाद हो गया था।
इस संवाददाता को ले जा रहे टैक्सी ड्राइवर ने बताया कि शहर के सभी स्थानों पर हुए नुकसान की मरम्मत की जा चुकी है और केवल एक यही बड़ा कार्य है, जिसको पूरा किया जाना बाकी है।
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इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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