नाटक के जरिये लिंग भेद के प्रति संवेदना जगा रहे हैं जेएनयू के छात्र
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा लिंग व जाति भेद के प्रति लोगों में संवेदना जगाने के लिए शुरू किया गया नुक्कड़ नाटक 'छोड़ ना यार' खासा लोकप्रिय हो रहा है।
इस नाटक के बारे में जेएनयू की जेंडर सेंसिटाइजेशन कमेटी अगेन्स्ट सेक्सुअल ह्रासमेंट(जीएससीएएसएच) की अध्यक्ष मोंदिरा दत्ता ने बताया कि यह एक ऐसा प्रचलित मुहावरा है जिसे किसी की मदद करने के लिए समाज में लोगों द्वारा सहज ही बोला जाता है। खासतौर से जब पीड़ित कोई महिला हो।
उन्होंने बताया कि इस नाटक की योजना आम आदमी के स्वभाव को सामने लाने और उसके भीतर अपने पड़ोसियों के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए उसमें बुनियादी बदलाव लाने के मद्देनजर खासतौर से बनाई गई है।
दत्ता के अनुसार नुक्कड़ नाटक की इस तीन दिवसीय श्रृंखला के शनिवार के समाप्त होने के बाद भी इस मुद्दे पर बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।