123 समझौता शीघ्र ही कांग्रेस में, अस्थायी सत्र संभव : मलफोर्ड
नई दिल्ली, 9 सितम्बर (आईएएनएस)। अमेरिकी कांग्रेस के 26 सितम्बर को समाप्त होने वाले मौजूदा सत्र में यदि 123 समझौते को मंजूरी नहीं मिली तो एक 'अस्थायी सत्र' की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
भारत में अमेरिका के राजदूत डेविड सी. मलफोर्ड ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के संप्रभु संस्था होने को रेखांकित करते हुए संवाददाताओं से कहा उनको उम्मीद है कि कांग्रेस अंतर्राष्ट्रीय समझौतों के लिए आवश्यक 30 दिन की समय सीमा में छूट दे देगी।
उन्होंने कहा कि अंतत: कांग्रेस को ही यह निर्णय लेना है कि वह राष्ट्रपति चुनाव के पहले 26 नवंबर को स्थगित होने वाले सत्र के पहले 123 समझौते को मंजूरी देती है या नहीं।
राजदूत ने कहा कि भारत के अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ किए सेफगार्ड समझौते और परमाणु आपूर्ति समूह (एनएसजी) से प्राप्त छूट के दस्तावेज उपलब्ध कराने के दो दिन के भीतर 'राष्ट्रपति संकल्प' तैयार हो जाएगा।
राष्ट्रपति संकल्प तैयार होने के बाद प्रशासन 30 दिनों के मौजूदा नियम को किनारे रखकर सीनेट और प्रतिनिधि सभा से इसे स्वीकृति प्रदान करने के लिए दबाव डालेगा। यदि कांग्रेस मौजूदा सत्र में 123 समझौते को मंजूरी देने में विफल रही तो एक अस्थायी सत्र की संभावना हो सकती है।
मलफोर्ड ने बताया कि अस्थायी सत्र बुलाने का अधिकार पूरी तरह कांग्रेस नेतृत्व के हाथ में है। ऐसी अफवाह है कि वे ऐसा नहीं चाहते हैं लेकिन इसकी संभावना है। पहले भी विशेष विधानों के लिए अस्थायी सत्र बुलाए जा चुके हैं।
अमेरिकी राजदूत ने आश्वस्त किया कि यदि राष्ट्रपति जार्ज बुश के कार्यकाल में समझौते को मंजूरी नहीं मिली तो नए राष्ट्रपति के शासन काल में इसे विशेष रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।