बढ़ रही है विदेशों में भारतीय कलाकृतियों की कीमत
मधुश्री चटर्जी
मधुश्री चटर्जी
नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक बाजारों में भारतीय कलाकृतियों की बढ़ती कीमत की वजह उनके प्रति लोगों में बढ़ती चेतना है।
उनका कहना है कि इंटरनेट पर भारतीय कला और कलाकारों के बारे में आसानी से उपलब्ध सूचनाओं के कारण लोगों की उन तक पहुंच आसान हो गई है।
लंदन के प्रसिद्ध नीलामीघर क्रिस्टीज के आधुनिक और समकालीन भारतीय कला विभाग की निदेशक यामिनी मेहता का कहना है, "भारतीय कला अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन रही है। सीमाएं टूट रहीं हैं और हम देख सकते हैं कि अधिक मात्रा में भारतीय कलाकार अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।"
दिल्ली की नेचर मोर्ट गैलरी के निदेशक पीटर नागी कहते हैं कि बढ़ती कीमतों का सीधा संबंध मांग से है। अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय कलाकारों के काम की मांग बढ़ रही है।
गौरतलब है कि गत 11 जून को एफ. एन. सूजा की कलाकृति 25 लाख डालर में बिकी थी जबकि तैयब मेहता की एक पेंटिंग क्रिस्टीज में हुई एक नीलामी में रिकार्ड कीमत नौ लाख 82 हजार 50 पाउंड में बिकी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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