पूर्व नेपाल नरेश बुधवार को छोड़ेंगे महल
काठमांडू, 10 जून (आईएएनएस)। पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेन्द्र बुधवार को अट्ठारहवीं शताब्दी में शाह राजाओं द्वारा निर्मित नारायणहिति राजमहल खाली कर देंगे। इसके साथ ही पिछले 239 वर्षो से यहां चली आ रही राजशाही का खात्मा भी हो जाएगा।
काठमांडू, 10 जून (आईएएनएस)। पूर्व नेपाल नरेश ज्ञानेन्द्र बुधवार को अट्ठारहवीं शताब्दी में शाह राजाओं द्वारा निर्मित नारायणहिति राजमहल खाली कर देंगे। इसके साथ ही पिछले 239 वर्षो से यहां चली आ रही राजशाही का खात्मा भी हो जाएगा।
ज्ञात हो कि राजा वीरेन्द्र की हत्या के 13 महीनों के बाद वर्ष 2002 को बुधवार के दिन ही ज्ञानेन्द्र को राजा बनाया गया था। ज्ञानेन्द्र अपनी पत्नी कोमल के साथ बुधवार को महल खाली कर देंगे।
गृह मंत्री कृष्णप्रसाद सितौला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "नरेश बुधवार को महल खाली कर देंगे। इससे पहले वे मुकुट, राजदंड और अन्य ऐतिहासिक कलाकृतियां सरकार के हवाले कर देंगे।"
उल्लेखनीय है कि नेपाल की नवनिर्वाचित संविधान सभा की 28 मई को हुई आम सभा की पहली बैठक में महल खाली करने के लिए ज्ञानेन्द्र को 15 दिनों का समय दिया गया था।
उन्होंने बताया कि मुख्य महल के दो प्रमुख निवासों के किनारे बाड़ लगाने का काम योजना व कार्य मंत्रालय को सौंपा गया है। इसे राष्ट्रीय संग्रहालय के रूप में विकसित किया जाएगा।
सितौला ने इस संबंध में पिछले सप्ताह ज्ञानेन्द्र से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने ज्ञानेन्द्र को महल खाली करने की सलाह दी थी और कहा था कि गरिमामय तरीके से उनका महल खाली करना शाही परिवार व देश दोनों के हक में होगा।
ज्ञात हो कि शाही परिवार द्वारा काठमांडू के बाहरी क्षेत्र में गर्मियों के लिए बनाए गए निवास स्थल में ज्ञानेन्द्र को रहने की आजादी दी गई है।
हालांकि ज्ञानेन्द्र अपनी पत्नी के संग बुधवार को महल खाली कर देंगे लेकिन शाही परिवार के सदस्य वहीं रहेंगे। ज्ञानेन्द्र की 80 वर्षीय सौतेली मां रत्ना शाह को सरकार ने राजभवन की एक हवेली में रहने की अनुमति दे दी है।
इसके अलावा महल के छोटे से भवन में 91 वर्षीय बुजुर्ग महिला सरला तमांग को दिया गया है।
इस बीच यह चर्चा यहां जोरों पर है कि महल खाली करने से पहले ज्ञानेन्द्र या तो राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं या फिर एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन कर सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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