मोदी उपमुख्यमंत्री बने रहेंगे, असंतुष्टों को झटका
नई दिल्ली, 8 जून (आईएएनएस)। सुशील कुमार मोदी बिहार के उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ पार्टी विधायक दल के नेता के पद पर भी बने रहेंगे। बिहार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों द्वारा गुप्त मतदान कराए जाने के बाद पार्टी आलाकमान ने यह निर्णय लिया। विधायकों का बहुमत मोदी के पक्ष में निकला। इस फैसले से बिहार भाजपा के लगभग दो दर्जन से अधिक असंतुष्ट विधायकों को तगड़ा झटका लगा है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक बिहार भाजपा के कुल 69 विधायकों (विधानसभा और विधानपरिषद) में से 67 विधायक आज सुबह दिल्ली पहुंचे। दो विधायक सुनील कुमार पिंटू और अजय सिंह निजी कारणों से दिल्ली नहीं पहुंच सके। अलबत्ता उन्होंने पत्र के माध्यम से पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को अपनी राय से अवगत कराया।
पूर्व पार्टी अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू और वरिष्ठ नेत्री सुषमा स्वराज ने सभी विधायकों से अलग-अलग बात की। बातचीत करने के बाद सभी विधायकों को एक पर्ची थमाई गई जिसमें उन्हें अपनी राय हां या ना में लिखनी थी कि क्या उनका मौजूदा नेतृत्व में विश्वास है कि नहीं। इस गुप्त मतदान के जरिए पार्टी विधायकों की राय सामने आने के बाद पार्टी आलाकमान ने मोदी के पक्ष में फैसला किया।
भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूढ़ी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "बिहार भाजपा के विधायकों की राय जानने के बाद पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से चर्चा की गई और उसके बाद तय किया गया कि मोदी अपने पदों पर बरकरार रहेंगे।"
उल्लेखनीय है कि बिहार भाजपा के कुछ असंतुष्ट विधायकों ने मोदी के खिलाफ पिछले लगभग दो महीने से मोर्चा खोल रखा था। ये विधायक मोदी को हटाए जाने की मांग कर रहे थे। असंतुष्ट विधायकों ने पार्टी के लगभग वरिष्ठ नेताओं के दरबार में दस्तक देकर मोदी को हटाने की अपील की थी। विधायकों का आरोप था कि मोदी के कामकाज का रवैया तानाशाही है और वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं।
असंतुष्ट विधायकों की मांग के मद्देनजर इससे पहले दो बार भाजपा संसदीय बोर्ड और एक बार पार्टी कोर ग्रुप की बैठक भी हुई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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