रॉक संगीत में घोली जा रही है देशी मिठास
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। देश में युवा कलाकार रॉक संगीत को अब एक नए अंदाज में पेश करने वाले हैं। गिटार की जगह पर अब आप सितार, तबला, बांसुरी और हारमोनियम की धुन पर रॉक का आनंद उठा सकेंगे।
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। देश में युवा कलाकार रॉक संगीत को अब एक नए अंदाज में पेश करने वाले हैं। गिटार की जगह पर अब आप सितार, तबला, बांसुरी और हारमोनियम की धुन पर रॉक का आनंद उठा सकेंगे।
शहरी युवा वर्ग इस नए प्रयोग को लेकर बेहद उत्साहित हैं। रॉक की दुनिया के कई दिग्गज कलाकार भी देशी रॉक को लेकर गंभीर हैं। यूफोरिया, परिक्रमा, इंडियन ओसियन और कई अन्य बैंड रॉक में देशी मिठास घोलने में जुटे हैं।
'फायर एक्जिट' बैंड के सुभद्र कामथ ने आईएएनएस को बताया, "रॉक संगीत में कुछ बदलाव लाने के लिए एक वैकल्पिक संगीत को लेकर काम किया जा रहा है। पारंपरिक संगीत और वाद्य यंत्रों से इस प्रकार के प्रयोग हो रहे हैं।"
गौरतलब है कि 'फायर एक्जिट' बैंड की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई। इस बैंड ने रॉक का विकल्प देशी अंदाज में ढूंढ़ निकाला है। बैंड के गिटारवादक आशीष मांधवानी ने कहा, "इस प्रकार का संगीत अलग माना जाता है। इसे आप आधुनिक संगीत से जोड़कर नहीं देख सकते हैं। अभी व्यावसायिक तौर पर इस नए संगीत को प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।"
'परिक्रमा' बैंड के संस्थापक और प्रबंधक सुबीर मलिक का कहना है कि रॉक का वैकल्पिक रूप देश में काफी लोकप्रिय साबित होगा। उन्होंने कहा कि लोग अब अलग प्रकार के संगीत को सुनना पसंद करते हैं। मलिक ने कहा, "संगीत में नए-नए प्रयोग होते रहते हैं। इलेक्ट्रोनिक वाद्य यंत्रों से इस क्षेत्र में कई प्रयोग हो चुके हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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