ग्लोबल संस्थाओं के पुनर्गठन की आवश्यकता : मुखर्जी
बीजिंग, 7 जून (आईएएनएस)। विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी ग्लोबल संस्थाओं के पुनर्गठन और लोकतांत्रीकरण किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है।
बीजिंग स्थित पेकिंग विश्वविद्यालय में चीन के शीर्ष विद्वानों और रणनीतिक विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए मुखर्जी कहा कि संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक जैसी 60 साल पुरानी ग्लोबल संस्थाओं को पुनर्गठन किए जाने की जरूरत है। तभी ये संस्थाएं मौजूदा सच्चाइयों से रूबरू हो सकेंगी।
उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करे और एक दूसरे की जिम्मेदारियों को समझे।
उन्होंने कहा कि विश्व का आर्थिक बाजार एशियाई देशों की ओर रुख कर रहा है। ऐसे में दोनों देशों को इस बदलाव को समझना पड़ेगा और एक दूसरे को सहयोग करना पड़ेगा।
इस मौके पर मुखर्जी ने एशिया के लिए एक सुरक्षा ढांचा बनाए जाने की भी वकालत की।
उन्होंने कहा कि दोनों देश परिपक्व हैं और इस बात को समझते हैं कि गंभीर और संवेदनशील मुद्दों का हल बातचीत से ही संभव है। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर जो विवाद है उसे आपसी समझदारी से निपटा लिया जाएगा।
मुखर्जी ने कहा कि इस प्रकार के विवाद दोनों देशों के विकासात्मक कार्यक्रमों में बाधा नहीं बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें धर्य के साथ-साथ जमीनी हकीकतों को भी ध्यान में रखना होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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