भारत, चीन के बगैर जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटना संभव नहीं : अमेरिका
वाशिंगटन, 7 जून (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय 'व्हाइट हाउस' ने जोर दिया है कि जब तक भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश वार्ता के मेज पर नहीं आते तब तक जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या से निपटना संभव नहीं होगा।
वाशिंगटन, 7 जून (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय 'व्हाइट हाउस' ने जोर दिया है कि जब तक भारत और चीन जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देश वार्ता के मेज पर नहीं आते तब तक जलवायु परिवर्तन जैसी समस्या से निपटना संभव नहीं होगा।
सीनेट में जलवायु परिवर्तन विधेयक के पास नहीं होने पर एक टिप्पणी में व्हाइट हाउस के प्रवक्ता डाना पेरिनो ने शुक्रवार को कहा, "इस बहस से साबित होता है कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्या का हल आसान नहीं है।"
यह विधेयक 'पूंजी और व्यापार' प्रणाली स्थापित करने के लिए पेश किया गया था जिसका उद्देश्य वर्ष 2050 तक अमेरिका में ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 66 प्रतिशत तक कम करने का था। इस विधेयक का विरोध करने वाले सीनेटरों का कहना था कि इससे अमेरिका में नौकरियां कम हो जाएंगी और तेल की कीमतें बढ़ जाएंगी।
गौरतलब है कि न तो डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बराक ओबामा ने और न ही रिपब्लिकन पार्टी के उनके समकक्ष जॉन मैक्के न ने इस बिल पर मतदान किया।
पेरिनो ने कहा, "जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने का प्रयास एक ही तरीके से किया जा सकता है और वह तरीका यह है कि नई नई तकनीक ईजाद की जाएं और भारत और चीन को इसके लिए बातचीत के मेज पर लाया जाए।"
उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह जब राष्ट्रपति जार्ज बुश यूरोप में होंगे तो निश्चित रूप से इस मसले पर बात करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।