ताजमहल कमाई का जरिया, लेकिन पर्यटकों की सुध किसी को नहीं
आगरा, 5 जून (आईएएनएस)। पिछले दिनों ताजमहल से गिर कर हुई एक महिला की मौत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को एक बार फिर से कटघरे में ला खड़ा किया है।
आगरा, 5 जून (आईएएनएस)। पिछले दिनों ताजमहल से गिर कर हुई एक महिला की मौत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को एक बार फिर से कटघरे में ला खड़ा किया है।
ये दोनों संस्थाएं ताजमहल और अन्य ऐतिहासिक धरोहरों से मोटी रकम तो बनाती हैं, लेकिन पर्यटकों की सुध लेने की फुर्सत इनमें से किसी को नहीं।
एक गाइड ने बताया, "शनिवार को जब इंदौर की एक सैलानी ताजमहल में रेलिंग से नीचे गिर गई, तो उसे बाहर लाने के लिये वहां एक स्ट्रेचर तक नहीं था।"
गौरतलब है कि पिछले साल अधिकारियों ने घोषणा की थी कि ताजमहल के मुख्य द्वार के सामने सभी सुविधाओं से युक्त एक एंबुलेंस और चिकित्सक की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।
इन गर्मियों में अब तक छह पर्यटक झुलसा देने वाली गर्मी की वजह से यहां मूच्र्छित हो चुके हैं, लेकिन अधिकारियों ने इससे निबटने की कोई व्यवस्था नहीं की है।
गौरतलब है कि एडीए की कमाई का मुख्य जरिया ताज ही है। पिछले साल 25 लाख पर्यटक यहां आए थे। ताजमहल के लिए टिकट की कीमत भारतीयों और दक्षिण एशियाई लोगों के लिए दस रुपये और विदेशियों के लिए पांच सौ रुपये है।
इस कमाई का अधिकांश हिस्सा पर्यटकों को सुविधाएं मुहैया कराने में होना चाहिए लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं होता।
आगरा होटल और रेस्टोरेंट संघ के अध्यक्ष राकेश चौहान कहते हैं, "पर्यटकों से अर्जित होने वाली आय को दूसरी व्यावसायिक परियोजनाओं पर खर्च किया जाता है।"
एएसआई के अधिकारियों ने इस संबंध में कहा कि पर्यटकों की देखभाल का पूरा जिम्मा एडीए के अधिकारियों का है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।