वामदलों के शासन वाले राज्यों में बंद से जनजीवन प्रभावित (राउंडअप)
कोलकाता/अगरतला/तिरुवनंतपुरम, 5 जून (आईएएनएस)। केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में की गई बढ़ोतरी के विरोध में वामपंथी दलों द्वारा अपने ही शासन वाले राज्यों पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में आयोजित बंद का जबरदस्त असर देखा गया। तीनों राज्यों में बंद के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा।
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ वामपंथी दलों के बंद के आह्वान से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। राज्य भर में दुकानें, शिक्षण संस्थाएं और यातायात व्यवस्था ठप रही। इसके चलते आम नागरिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। तृणमूल कांग्रेस ने इसी मुद्दे पर शुक्रवार को बंगाल बंद का आह्वान किया है।
फिल्म निर्देशक गौतम घोष ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "निजी तौर पर इस बंद को मैं एक मजाक के रूप में देखता हूं। जब एक ही मुद्दे पर दोनों पार्टियों ने बंद की घोषणा की है तो लगातार दो दिन बंद करने की क्या जरूरत है? सच तो यह है कि राजनेता अपने राजनैतिक फायदे के लिए यह सब कर रहे हैं।"
ख्यात लेखक सुनील गंगोपाध्याय ने कहा, "इस तरह के बंद से अन्तत: जनता को ही परेशान होना पड़ता है।"
केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से किए गए बंद के आह्वान पर गुरुवार को राज्य के सभी शैक्षिक संस्थान बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था प्रभावित रही।
हालांकि बंद के बावजूद राज्य के सभी सरकारी दफ्तर खुले रहे जबकि सभी शैक्षिक संस्थान बंद रहे। निजी और सार्वजनिक वाहन नहीं चलने के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतें पेश आई।
सजिता नाम की गृहिणी के मुताबिक, तेल की कीमतें बढ़ने से अधिकतर केरलवासी प्रभावित होंगे, क्योंकि राज्य में ज्यादातर वस्तुएं बाहर से आती हैं जिनकी उनकी कीमते पहले से काफी बढ़ चुकी है, उस पर अब ईंधन की कीमते बढ़ने से हमारी दिक्कते भी बढ़ जाएंगी।"
उधर त्रिपुरा में बंद के के कारण गुरुवार को जनजीवन पूरी तरह प्रभावित रहा। अधिकतर बाजार, व्यापारिक प्रतिष्ठान, सरकारी व अर्ध सरकारी प्रतिष्ठान और सभी शिक्षण संस्थान बंद रहे। सड़क परिवहन व्यवस्था, रेल और विमान सेवाओं पर भी बंद का असर पड़ा।
राज्य के पुलिस प्रवक्ता नेपाल दास ने कहा, "बंद शांतिपूर्ण रहा।"
बंद के दौरान राज्य सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों और त्रिपुरा विश्वविद्यालय व अन्य शैक्षिक संस्थानों में चल रही परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया।
राज्य के मुख्यमंत्री मानिक सरकार ने कहा, "पेट्रोलियम पदार्थो की कीमत बढ़ने से आने वाले समय में सभी वस्तुओं के दामों में वृद्धि होगी और राज्य सरकार के लिए फिलहाल यह संभव नहीं है कि वह तेल पर लगने वाले टेक्स में कटौती करे।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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