तेल कीमतों में वृद्धि के खिलाफ हफ्ते भर विरोध प्रदर्शन करेंगे वामदल
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। वामदलों ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में की गई मूल्य वृद्धि के विरोध में गुरुवार से एक सप्ताह तक विरोध प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है।
वामदलों ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर आरोप लगाया कि उसने आम जनता पर बोझ कम करने वाले अन्य उपायों को स्वीकार नहीं किया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चे ने मनमोहन सिंह सरकार से पेट्रोलियम मूल्य वृद्धि पर फिर से विचार करने को कहा है।
बुधवार को गठबंधन में शामिल चारों पार्टियों- माकपा , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), फारवर्ड ब्लाक (एफबी) और रिवोल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि तेल के दामों में वृद्धि का फैसला ऐसे समय किया गया जब लोग आवश्यक वस्तुओं की तेजी से बढ़ती कीमतों से पहले ही परेशान हैं। वामदलों ने कहा कि सरकार पहले ही महंगाई को रोकने में विफल रही है। पेट्रोलियम पदार्थो के दाम बढ़ाने से भविष्य में महंगाई और बढ़ेगी।
वामदलों ने कहा कि यह गौर करने की बात है कि सरकार ने तेल गैस कंपनियों और निजी रिफाइनरियों पर 'लाभ कर' लगाने से मना कर दिया है। इसके कारण कंपनियों के मुनाफे में भारी वृद्धि हो रही है और जनता बढ़ती कीमतों के बोझ तले दबती जा रही है। वाम दलों ने चेतावनी देते हुए कहा कि पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों में यह अंतिम वृद्धि नहीं है।
वामदलों ने डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस में मूल्य वृद्धि के खिलाफ गुरुवार से 11 जून तक शक्तिशाली देशव्यापी विरोध आंदोलन का आह्वान किया है।
माकपा महासचिव प्रकाश करात, भाकपा महासचिव ए.बी.बर्धन,फारवर्ड ब्लाक महासचिव देबब्रत बिश्वास और आरएसपी के महासचिव टी.जे. चंद्रचूड़न के सामूहिक हस्ताक्षर से जारी बयान में कहा गया है कि वामदल रेल रोको, रास्ता रोको और आम जनता पर बिना वजह भार बढ़ाने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए लोगों को संगठित करेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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