विज्ञापनों से कमाई का बड़ा माध्यम बन कर उभर रहे हैं एफएम रेडियो
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। यद्यपि देश का रेडियो जगत 6.2 अरब रुपये के राजस्व के साथ विज्ञापन के मुख्य माध्यम के रूप में उभरा है लेकिन फिर भी इसे देश के मीडिया द्वारा विज्ञापनों से अर्जित आय का दस फीसदी हासिल करने में पांच से सात वर्षो का समय लगेगा।
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। यद्यपि देश का रेडियो जगत 6.2 अरब रुपये के राजस्व के साथ विज्ञापन के मुख्य माध्यम के रूप में उभरा है लेकिन फिर भी इसे देश के मीडिया द्वारा विज्ञापनों से अर्जित आय का दस फीसदी हासिल करने में पांच से सात वर्षो का समय लगेगा।
रेडियो मिर्ची के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत पांडेय ने कहा, "रेडियो ने विज्ञापन के प्रमुख माध्यमों में अपनी जगह बना ली है लेकिन अभी इसे इसका वास्तविक हक नहीं मिला है। आने वाले समय में इसकी भागीदारी कम से कम 12-13 फीसदी की होनी चाहिए।"
क्षेत्रीय एफ एम स्टेशन माई एफएम के मुख्य परिचालन अधिकारी हरीश एम. भाटिया कहते हैं, "वर्ष 2005-06 के दौरान रेडियो से होने वाले राजस्व में इजाफा हुआ और यह 2.4 फीसदी से बढ़कर 3.1 फीसदी हो गया। सन 2009 तक यह 6 फीसदी हो जाएगी। इस दौरान रेडियो विज्ञापनों ने कमाई के मामले में इंटरनेट को भी पीछे छोड़ दिया।"
इंडियन रीडरशिप सर्वे (आईआरएस-2008) के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में जहां रेडियो की पहुंच 19 फीसदी लोगों तक है वहीं शहरों में इसकी पकड़ 23 फीसदी लोगों तक है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।