हसीना ने अदालत में मिग-29 विमानों की खरीद को जायज ठहराया
ढाका, 3 जून (आईएएनएस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अदालत में कहा है कि रूस से मिग-29 लड़ाकू विमानों की खरीद देश की सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर की गई थी।
न्यायाधीश गुलाम मुर्तजा मजूमदार की विशेष अदालत में सुनवाई शुरू होने पर सरकारी अभियोजक ने आरोपों के पक्ष में फील्ड इंटेलीजेंस के महानिदेशक की रिपोर्ट पेश की, जिसमें लड़ाकू विमानों की खरीद के बारे में सचेत किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया था कि बांग्लादेश गरीब राष्ट्र है और हमें आधुनिक लड़ाकू विमान की जरूरत नहीं है।
सरकारी आरोपों का खंडन करते हुए हसीना ने अदालत को बताया कि वह देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए चिंतित थी और इसलिए उन्होंने वायुसेना के लिए लड़ाकू विमान खरीदे।
हसीना ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सेना को बेहतर हथियार उपलब्ध कराए। क्या यह अपराध है? यदि इसके लिए मुझे कटघरे में खड़ा किया जाता है, तो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के प्रति चिंतित हूं।
गौरतलब है कि लंबे समय तक चले मोलभाव के बाद हसीना सरकार ने 2001 में रूस से 8 लड़ाकू मिग-29 विमान खरीदे थे।
उनके बाद आई खालिदा जिया की सरकार ने विमानों की खरीद की जांच के लिए एक संसदीय समिति गठित की थी। संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में विमान समझौते को सही ठहराया था।
वर्तमान कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार फखरूद्दीन अहमद ने यह आरोप लगाते हुए छह साल बाद इस केस को फिर शुरू करवाया कि इसमें ज्यादा धनराशि अदा की गयी।
हसीना के वकील शफीक अहमद ने मीडिया को बताया कि आठ मिग विमानों की कीमत 28.9 करोड़ डालर थी , सरकार ने मोलभाव करके कीमत को 11.5 करोड़ डालर करवा कर देश की बहुमल्य संपत्ति बचाई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।