केरल के टाटा स्कूल ने बेकसूर बच्ची को स्कूल से निकाला
मन्नार (केरल), 3 जून (आईएएनएस)। स्थानीय टाटा हाई रेंज स्कूल में जिस समय बच्चे कक्षाओं में पढ़ रहे होते हैं, तब कक्षा पांच की छात्रा रोशना टी. हेनरी स्कूल के गेट के बाहर बैठी बेबसी से उन्हें ताका करती है।
रोशना को दो सप्ताह पहले स्कूल से इसलिए बाहर कर दिया गया था क्योंकि टाटा टी कंपनी ने उसके पिता हेनरी जोसेफ को नौकरी से निकाल दिया था। जोसेफ को नौकरी से इसलिए निकाला गया क्योंकि उन्होंने दो साल पहले दूसरी जगह तबादले पर जाने से इंकार कर दिया था।
स्कूल के नियमों के मुताबिक वहां उन्हीं बच्चों को शिक्षा की सुविधा दी जाती है जिनके अभिभावक टाटा के कर्मचारी होते हैं। जोसेफ को नौकरी से निकाले जाने के बाद स्कूल ने दो साल तक अनुकंपा के आधार पर रोशना को स्कूल आने दिया लेकिन इस साल उसे निकाल दिया गया।
रोशना ने आईएएनएस से कहा, "कल मेरा स्कूल दोबारा खुला, मुझे उम्मीद थी कि मुझे फिर से वहां दाखिला दे दिया जाएगा। मेरे सभी साथियों ने पढ़ाई चालू कर दी है। मुझे अभी भी अधिकारियों के निर्णय का इंतजार है।"
जोसेफ ने बताया, "मेरा तबादला कर दिया गया था लेकिन मेरे पास कुछ निजी समस्याएं थीं। मेरी पत्नी अस्पताल में भर्ती थी और मेरी मां बीमार थी इसलिए मैं नई जगह पर नहीं जा पाया और मुझे नौकरी से निकाल दिया गया। इस समय मेरा मामला श्रम न्यायालय में चल रहा है।"
रोशना की मां ने बताया कि ऐसे कई बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं जिनके मां बाप टाटा के कर्मचारी नहीं हैं न जाने हमारे साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है।
स्कूल का संचालन देखने वाले टाटा कंपनी के अधिकारी प्रताप रामदास ने कहा कि बाहरी लोगों के बच्चे केवल अन्यतम परिस्थितियों में ही स्कूल में पढ़ सकते हैं।
रामदास ने कहा, "हमने उन्हें सारी परिस्थितियां समझाते हुए पत्र लिखा था लेकिन उन्होंने हमें कानूनी नोटिस भिजवा दिया। हम मामले को देख रहे हैं और इसे जल्दी ही हल कर लिया जाएगा।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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