अमर सिंह भूखंड आवंटन मामले में जांच रिपोर्ट तलब
लखनऊ , 2 जून (आईएएनएस)। उच्च न्यायालय ने सपा महासचिव अमर सिंह के विरुद्ध भूखंड आवंटन मामले में प्रदेश सरकार द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट को तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई चार जून को होगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति यू. के. धवन और न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन ने सोमवार को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वह इस मामले की जांच रिपोर्ट उसके समक्ष चार जून को पेश करे।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने गोमतीनगर में कथित तौर पर नियम विरुद्ध भूखंड आवंटन किए जाने के मामले में अमर सिंह के खिलाफ जांच बैठाई थी और प्रमुख सचिव (नगर विकास) एस. आर. लाखा को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। गत शुक्रवार को अमर सिंह ने राज्य सरकार के जांच आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसमें राज्य सरकार की ओर से न्यायालय के समक्ष मुख्य स्थायी अधिवक्ता देवेन्द्र कुमार उपाध्याय उपस्थित हुए थे।
उपाध्याय ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने अदालत से कहा कि ऐसे में जबकि सरकार को जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, अमर सिंह द्वारा जांच कराने के आदेश को रद्द करने की याचिका सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अदालत ने इस मामले में जांच रिपोर्ट व अन्य संबंधित दस्तावेज चार जून को तलब किया है।
गौरतलब है कि इस मामले में बीते शुक्रवार को अमर सिंह ने अदालत में स्वयं अपनी पैरवी की थी। उन्होंने कहा कि 1993 में स्वर्गीय चंद्रशेखर ने उन्हें जयंत मल्होत्रा के पास भेजा था जिन्होंने कांशीराम से सिफारिश की और फिर कांशीराम के कहने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने उन्हें भूखंड दिया था।
अमर सिंह ने कहा कि वह उस समय अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे। उन्होंने कहा कि उसके बाद मायावती तीन बार मुख्यमंत्री बनी लेकिन उन्हें इसमें कुछ भी गलत नहीं लगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस भूखंड पर बने घर का नाम अमर सिंह ने ऐश्वर्या रखा और कुछ माह पहले इसके गृह प्रवेश के अवसर पर इसे ऐश्वर्या बच्चन को उपहार में दे दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।