भाजपा ने प्रधानमंत्री को 'नौसिखिया' करार दिया
नई दिल्ली, 2 जून (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सीधा हमला करते हुए उन्हें आज विदेश नीति के मामले में 'नौसिखिया' करार दिया।
पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दूसरे दिन आज सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की विदेश नीति पर पारित एक आलोचनात्मक प्रस्ताव में भारत-अमेरिका संबंधों के संदर्भ में प्रधानमंत्री पर यह तीखी टिप्पणी की है।
प्रस्ताव में भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते का हवाला देते हुए कहा गया, "प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण मामले को नौसिखियों की तरह झेला और अमेरिका के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मात्र एक बिंदु आधारित संबंध बना दिया।"
प्रस्ताव में कहा गया है, "भाजपा प्रधानमंत्री को याद दिलाती है कि उनकी इस हताश नीति का कोई विकल्प नहीं है। डा. मनमोहन सिंह और संप्रग ने भारत-अमेरिका संबधों को बहुत क्षति पहुंचाई है, देश यह पहचाने।"
भाजपा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि चार वर्षो के दौरान संप्रग ने भारत के राष्ट्रीय हितों को अभूतपूर्व क्षति पहुंचाई है। उसने अपनी पूर्ण अक्षमता का परिचय दिया है और सरकारी काम काज में वह चिंतन और कार्यान्वयन दोनों पहलूओं पर पूरी तरह पंगु साबित हुई है। भाजपा ने अपने प्रस्ताव में कहा है, "भारत की भलाई के लिए अब संप्रग को स्वयं हट जाना चाहिए।"
नेपाल नीति पर प्रस्ताव में कहा गया है, "भाजपा मांग करती है कि संप्रग सरकार तुरंत स्पष्ट करे कि सरकार की नेपाल नीति क्या है? भाजपा मांग करती है एक स्पष्ट, नीति संबंधी सरकारी घोषणा की, और यदि यह नहीं होता है तो क्या इसलिए कि इस महत्वपूर्ण संबंध पर भी हमारे प्रधानमंत्री स्वत: कुछ कहने की स्थिति में नहीं है? देश जानना चाहता है कि तथ्य क्या है।"
भाजपा ने अपने प्रस्ताव में पाकिस्तान में लोकंतत्र की बहाली की स्वागत करते हुए कहा है कि पार्टी चाहती है कि पाकिस्तान में एक शांतिपूर्ण, सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था बने। प्रस्ताव में कहा गया है कि भाजपा सदैव पाकिस्तान की जनता के प्रति सौहार्द और सद्भावना का विचार रखती है।
पार्टी न चीन के संदर्भ में संप्रग सरकार की विदेश नीति को आड़े हाथों लेते हुए प्रस्ताव में कहा है, "आलंपिक मशाल और दलाई लामा के संबंध में जैसी हीन भावनापूर्व नीति संप्रग सरकार ने अपनाई है,उससे भारत को शर्मिदा होना पड़ा है।"
भाजपा ने इस संदर्भ में स्पष्ट किया है कि वह "तिब्बतवासियों की इस कठिन घड़ी में उनके साथ है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।