एवरेस्ट चढ़ाई करने वालों पर रहेगी नेपाल की नजर (लीड)
काठमांडू, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों के दल पर नेपाल अब खास नजर रखेगा। चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के मद्देनजर नेपाल ने यह कदम उठाया है।
काठमांडू, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले पर्वतारोहियों के दल पर नेपाल अब खास नजर रखेगा। चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों के मद्देनजर नेपाल ने यह कदम उठाया है।
नेपाल ने इंसान के अदम्य साहस और धैर्य का गवाह रहे माउंट एवरेस्ट पर 10 मई से पहले गैर-चीनी पर्वतारोहियों के चढ़ने पर रोक लगा दी है।
चीन को डर है कि तिब्बती लोकतंत्रवादी कार्यकर्ता इस गगनचुंबी चोटी तक ओलंपिक मशाल रैली के सफर में खलल पैदा कर अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान खींच सकते हैं। ऐसे में तिब्बत विवाद और तूल पकड़ लेगा।
अपने देश के नागरिकों को लोकतंत्र और समानता का सपना दिखाने वाली नेपाल सरकार ने पड़ोसी देश चीन को खुश करने के लिए दुनिया की सर्वाधिक ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर अपनी पहरेदारी बढ़ा दी है, ताकि लोकतंत्र के पक्ष में आवाज बुलंद करने वाले तिब्बती इस चोटी तक ओलंपिक मशाल के सफर में खलल न डालें।
पिछले महीने नेपाल सरकार ने दक्षिणी मार्ग से एवरेस्ट की चढ़ाई पर रोक लगाने की घोषणा की थी। यही वह मार्ग है जिससे होकर सर एडमंड हिलेरी और तेंजिंग नोर्गे ने छह दशक पहले एवरेस्ट पर चढ़ाई कर पर्वतारोहण के इतिहास में एक मिसाल कायम की थी।
इस महीने सरकार ने उन पर्वतारोहण दलों पर भी रोक लगा दी जो 10 मई के बाद इस चोटी को फतह करने की ख्वाहिश रखते हैं। एक कनाडाई पर्वतारोही ने बताया कि नेपाल के सैन्य अधिकारियों ने मशाल रैली के एवरेस्ट तक पहुंचने से पहले तक इलेक्ट्रॉनिक व संचार उपकरणों के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।