कुवैत में मृत्युदंड झेल रहे भारतीय को प्रवासियों की मदद
नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। कुवैत के कानून के मुताबिक मृत्युदंड के मुहाने पर खड़े एक भारतीय का जीवन बचने के आसार बढ़ गए हैं।
केरल के शौकत थिकासेरी नामक व्यक्ति को गत वर्ष एक नेपाली महिला जमुना थापा की हत्या के अपराध में मृत्युदंड की सजा दी गई थी।
प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि ने आईएएनएस को जानकारी दी कि प्रवासी भारतीय व्यवसाइयों, एम. ए. यूसुफ अली की ओर से दस लाख और चेन्नई स्थित फरीस अबूबाकर और दुबई के एस. एस. अग्रवाल की ओर से पांच-पांच लाख रुपयों की मदद के बाद थिकसेरी के जीवन बचने के आसार बढ़ गए हैं।
प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वयालार रवि ने थिकसेरी के परिवारवालों के कहने पर मामला पहले-पहल नेपाली प्रशासकों के सामने रखा था जिसके बाद थापा के परिवारवाले बीस लाख रुपये लेकर माफीनामे पर राजी हुए।
खबरों के अनुसार थिकसेरी और थापा विवाह करना चाहते थे लेकिन थापा के परिवार के इनकार के बाद दोनों ने आत्महत्या का प्रयास किया जिसमें थिकसेरी बच गया लेकिन थापा की मौत हो गई थी।
कुवैत के इस्लामी कानून के अनुसार मृतक के परिवार वालों को निर्धारित राशि देकर अभियुक्त की जान बच सकती है।
उधर एक ऐसे ही अन्य मामले में कुवैत में मृत्युदंड की सजा पा चुके एक अन्य भारतीय की जीवनरक्षा के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने पांच लाख रुपए की राशि देने का वादा किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।