संन्यासियों के भेस में चीनी सैनिक उपद्रव फैला रहे हैं : दलाई लामा
नई दिल्ली, 29 मार्च (आईएएनएस)। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि अनेक चीनी सैनिक संन्यासियों के भेस में तिब्बत में दंगा फैला रहे हैं।
दलाई लामा ने जोर देकर कहा कि वह चीन विरोधी नहीं हैं, परंतु चीन का प्रयास हमेशा से तिब्बती संस्कृति को नीचा दिखाने का रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस बात के भी अनेक प्रमाण मिले हैं कि तिब्बत में चीन के लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया जानती है कि हम आजादी की मांग नहीं कर रहे हैं, परंतु केवल चीन ही इस बात को नहीं जानता।"
उनके अनुसार अनेक तस्वीरों में चीनी सैनिक संन्यासियों के पहनावे में तलवारें लिए दिखाई दिए हैं। वह कहते हैं कि परंतु वह तलवारें पारंपरिक तिब्बती तलवारें नहीं हैं।
तिब्बती धर्मगुरु ने कहा कि चीन ऊपर से देखने में ही शांत लगता है परंतु अंदर से वह बहुत अस्थिर है।
दलाई लामा का कहना था कि, "दस मार्च के बाद से मुझे 1959 जैसा ही आभास हो रहा है।"
गौरतलब है कि दलाई लामा 1959 से भारत में अपने 100,000 से अधिक अनुयायियों के साथ रह रहे हैं।
इस मार्च की 10 तारीख को तिब्बत में हुए दंगों में मारे गए लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना के लिए दलाई लामा आज नई दिल्ली स्थित राजघाट पर उपस्थित हुए। उनके साथ अनेक धर्मो के धार्मिक नेता भी थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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