सहानुभूति नहीं विकास चाहिए अरुणाचल को
रिजिजु ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, "अरुणाचल प्रदेश को बार बार देश का अभिन्न अंग घोषित करने की सभी को मानों आदत सी हो गई है।" इससे लगता है कि सरकार को खुद ही इस तथ्य पर संदेह है कि अरूणाचल प्रदेश देश का अविभाज्य हिस्सा है। रिजिजु ने कहा कि सरकार को बार- बार यह दोहराने की जरूरत नहीं है। रिजिजु के अनुसार, " मुझे दुख है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(यूपीए)सरकार अरुणाचल के मुद्दे पर पूरी तरह असफल रही है।" भाजपा का यह सांसद को विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा संसद में दिए गए बयान को लेकर भी आहत है। मुखर्जी ने सोमवार को संसद में कहा था कि "चीन को यह स्पष्ट बता दिया गया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अंदरूनी हिस्सा है।" उन्होंने यह भी कहा कि जनवरी में प्रधानमंत्री की अरुणाचल यात्रा का उद्देश्य लोगों को आश्वस्त करना था कि सरकार उनके विकास और जरूरतों को लेकर प्रतिबद्ध है।रिजिजु ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा "सरकार की कथनी और करनी में भेद है। वहां आधारभूत संरचनाओं के विकास की सख्त जरूरत है। ।" उन्होंने कहा कि अरुणाचल के लोग भी औरों की तरह ही देशभक्त हैं। उन्हें सरकार की उदासीनता सालती है। वे धीरे-धीरे अपनी जमीन चीन के हाथों गंवा रहे हैं।इंडो-एशियन न्यूज सर्विस ।