संसद. रेल चर्चा चार लोस..
र्चा चार लोस.. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रबोध पांडा ने अनुदान मांगों को रेलवेके केवल पांच क्षेत्रों तक सीमित रहने और इसलिए भेदभाव परक होनेका आरोप लगाया1 उन्होंने रेलवे की बेकार पडी जमीन से अवैध कब्जाहटाने की जरत पर बल दिया लेकिन मंत्रालय को सावधान किया किऐसी जमीनों पर दशकों से रह रहे. रोजी..रोजगार कर रहे गरीबों. वंचितोंके साथ भी अगर कब्जा करने वालों की तरह सलूक किया जायेगा. तोइससे फिर एक अलग सामाजिक समस्यायें पैदा हो जायेंगी
श्री पांडा ने रेलवे की बेकार पडी भूमि का वैकल्पिक. लाभकारी.व्यावसायिक इस्तेमाल करने के प्रस्ताव का भी समर्थन किया. लेकिनइन योजनाओं में गरीबों को लाभकारी रोजगार देने की व्यवस्था का भीउचित ध्यान रखने की अपील की
भाजपा के संतोष गंगवार ने भी माना कि रेल की प्रगति हो रही है.लेकिन उनका कहना था कि भाजपा नीत पूर्ववर्ती राष्ट्रीय जनतांत्रिकगठबंधन सरकार ने आधारभूत ढांचे के विकास एवं सडक संजाल केनिर्माण का जो महाभियान चलाया. रेलवे के रिकार्ड मुनाफे में उसकाभारी योगदान है1 उन्होंने रेलवे विकास के लिये चीन को माडल माननेऔर विकास की योजना बनाते समय छठे वेतन आयोग की सिफारिशेंलागू होने की स्थिति में रेलकर्मियों के वेतन. भत्ते के मद में पडने वालेअतिरिक्त आर्थिक बो का पूरा ध्यान रखने की भी जरत पर बलदिया1 जबकि कांग्रेस के विजेन्द्र सिंह ने विकास के लिहाज से रेलवे कोअन्य सभी विभागों से आगे बताते हुये खासकर बिना यात्री एवं मालभाडा बढाये रिकार्ड मुनाफा रखने के लिये श्री यादव को बधाई दी
राजेश समरेन्द्र जगबीर1836जारी वार्ता