Fact Check: क्या फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करेगा सूचना प्रसारण मंत्रालय, जानें वायरल मैसेज की सच्चाई
नई दिल्ली, 20 जून: सोशल मीडिया के आने से पिछले एक दशक में काफी ज्यादा बदलाव हुए हैं, लेकिन इस पर फैलने वाली अफवाह सरकार के लिए अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। कई नए कानून आने के बाद भी सोशल मीडिया पर लगातार झूठी जानकारियां सर्कुलेट होती रहती हैं। अब व्हाट्सएप पर फॉरवर्ड हो रहे एक मैसेज में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार फर्जी पत्रकारों पर कार्रवाई करेगी। इसके लिए सूचना प्रसारण मंत्रालय ने नए नियम भी बनाए हैं।
वायरल हो रहे मैसेज में सबसे ऊपर हेडिंग लिखी कि फर्जी पत्रकारों के खिलाफ होगा एक्शन, एफआईआर और जेल। इसके आगे लिखा गया कि भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जाली पत्रकारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सूचना प्रसारण मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। इसके बाद ये मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। कुछ लोगों का दावा है कि सरकार अब प्रेस की आजादी पर शिकंजा कसना चाह रही है।
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भारत सरकार के पीआईबी ने जब इसका फैक्ट चेक किया, तो सच्चाई कुछ और ही निकली। पीआईबी ने ट्वीट कर लिखा कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री के कथित वक्तव्य के हवाले से यह दावा किया गया है कि फर्जी पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। ये दावा फर्जी है। राज्यवर्धन राठौर ने अपने किसी वक्तव्य में ये दावा नहीं किया था। हालांकि अब राठौर के पास इस मंत्रालय की जिम्मेदारी नहीं है। ऐसे में अगर आपके पास भी ये आए तो इसे फॉरवर्ड ना करें।
Fact Check
दावा
फर्जी पत्रकारों पर होगी कार्रवाई
नतीजा
वायरल मैसेज पूरी तरह से फर्जी