दिल्ली में चुनाव के वक्त टोपी और यूपी में भगवा धारण कर रहे हैं AAP के नेता? जानिए वायरल फोटोज की सच्चाई
नई दिल्ली, जनवरी 26। यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोरशोर से प्रचार में जुटी हैं। यूपी का चुनाव मजहबी प्रचार के बिना संभव हो पाना बहुत ही मुश्किल है, फिर चाहें राजनीतिक दल कितना भी इस दावे को खारिज करें। उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान नेता मंदिर-मस्जिद में जरूर देखे जाते हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर मजहबी प्रचार को लेकर कई भ्रामक जानकारियां भी शेयर की जा रही हैं।
वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा है ये दावा
पिछले कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और यूपी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की ऐसी ही तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह अलग-अलग वेशभूषा में नजर आ रहे हैं। तस्वीरों को लेकर दावा किया जा रहा है कि जब दिल्ली में चुनाव होता है तो ये लोग मुस्लिम वेशभूषा में नजर आते हैं, वहीं जब ये यूपी चुनाव में होते हैं तो ये हिंदू वेशभूषा में दिखते हैं।
ये है वायरल फोटो की सच्चाई
वायरल फोटो में इन तीनों को 'चुनावी मेंढक' बताया गया है। वायरल फोटो में कहा जा रहा है कि दिल्ली चुनाव के दौरान ये नेता टोपी पहने दिखते हैं, जबकि यूपी चुनाव में ये लोग भगवा पहने नजर आते हैं। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने जब इस दावे की पड़ताल की तो पता चला कि केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह की जो टोपी वाली तस्वीर है, वो दिल्ली चुनाव के दौरान की नहीं है। वहीं भगवा स्कार्फ पहने सिसोदिया और संजय सिंह की भी तस्वीर अभी की नहीं बल्कि पिछले साल अयोध्या में ली गई तस्वीर है। इन दोनों ही तस्वीरों का चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
वायरल फोटोज कब और कहां की हैं?
पहली तस्वीर, जिसमें केजरीवाल, सिसोदिया और संजय सिंह ने टोपी पहनी है वो फोटो जुलाई 2016 की है। ये फोटो 7 जुलाई 2016 को दिल्ली के साकेत में आयोजित 'ईद मिलन' समारोह की है। इस समारोह में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पहुंचे थे। उसी दिन इस तस्वीर को आम आदमी पार्टी पंजाब के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया था।
वहीं दूसरी तस्वीर, में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया मुस्लिम टोपी को पहने दिख रहे हैं। ये फोटो भी 1 जुलाई 2016 की एक इफ्तार पार्टी की है।
Fact Check
दावा
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नतीजा
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