FACT CHECK: वायरल पोस्ट में दिख रहा शख्स UPSC में फेल हुआ रोजेश तिवारी नहीं, बांग्लादेश से है इसका कनेक्शन
नई दिल्ली, 5 जून। सोशल मीडिया पर फाइल पकड़े रोते हुए एक शख्स की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि ये 29 वर्षीय राजेश तिवारी है। राजेश लखनऊ के रहने वाले हैं । दावा किया जा रहा है राजेश तिवारी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 643 अंक प्राप्त करने के बावजूद "असफल" हो गए हैं क्योंकि "सामान्य श्रेणी के लिए कट ऑफ" इस साल 689 था"। इस फोटो को देश में आरक्षण प्रणाली की आलोचना करते हुए वायरल किया जा रहा है। पोस्ट में कहा जा रहा है कि एससी / एसटी के लिए यह कटऑफ 601 थी। तो इसके अनुसार जिसे 601 मिला है वह हमारा अगला नौकरशाह बन जाएगा।"
इसे एक सत्यापित फेसबुक प्रोफाइल से शेयर किया गया जो वायरल हो गया। फोटो की जब सत्यता चेक गई तो पता चला ये फेक है और इसमें जो दावा किया जा रहा है वो झूठा है। फोटो में दिख रहा शख्स राजेश तिवारी नहीं बल्कि एक बांग्लादेशी इंफ्लूएंसर सईद रिमोन है। इस फोटो को बेरोजगारी अभियान के हिस्से के रूप में क्लिक किया गया था। इसी तरह की पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन कई जगह देखे जा सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि वायरल पोस्ट साल 2017 से सोशल मीडिया पर प्रचलन में है।
फेसबुक के माध्यम से एक न्यूज चैनल से बातचीत में रिमोन ने बताया कि "बारह साल पहले सड़क दुर्घटना में मैंने एक ऐसे व्यक्ति को खो दिया था जो मेरा करीबी था। तब से मैं कई जागरूकता कार्यक्रम कर रहा हूं। मेरी तस्वीर जो अब प्रचलन में है, नवंबर 2016 में बांग्लादेश में बेरोजगारी संकट पर एक अभियान के हिस्से के रूप में क्लिक की गई थी। रिमोन ने 30 नवंबर, 2016 को इस फोटो को अपने फेसबुक प्रोफाइल पर अपलोड किया था। रिमोन की तस्वीर की रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि इसे कई बांग्लादेशी वेबसाइटों ने यूज किया है।
Fact Check
दावा
Fake
नतीजा
Man in viral post is not Rajesh Tiwari who ‘failed UPSC’, but a Bangladeshi influencer