Venus Transit in Gemini: शुक्र 28 मई से मिथुन राशि में, समाप्त होगा चतुर्ग्रही योग
नई दिल्ली, 21 मई। भौतिक सुख, भोग-विलास, प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन का प्रतिनिधि ग्रह शुक्र 28 मई 2021 को रात्रि में 11 बजकर 58 मिनट पर मिथुन राशि में गोचर प्रारंभ करेगा। यह ग्रह 26 दिन बाद 22 जून को दोपहर 2 बजकर 21 मिनट तक मिथुन राशि में रहेगा, उसके बाद कर्क में प्रवेश कर जाएगा। इस दौरान शुक्र मृगशिर, आद्र्रा और पुनर्वसु नक्षत्र में भ्रमण करेगा। इसके साथ ही वृषभ राशि में सूर्य, बुध, शुक्र और राहू से मिलकर बना हुआ चतुर्ग्रही योग समाप्त होगा।
शुक्र का बुध की राशि में गोचर करना व्यापार-व्यवसाय की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। साथ ही रिश्तों, दांपत्य जीवन में दिल से ज्यादा दिमाग हावी रहेगा। रिश्ते दिल से निभाने के बजाय लोग दिमाग से निभाएंगे। अर्थात् लोग अपने मतलब और लाभ के लिए रिश्ते बनाएंगे और निभाएंगे। इसलिए सतर्क रहें, कोई आपके इमोशनल बातें कर रहा है तो इसका अर्थ यह कतई नहीं हो सकता किवह आपके फेवर में है। हो सकता है वह आपसे दोस्ती या कोई रिश्ता बनाकर अपना कोई मतलब साधना चाहता हो।
बहरहाल, हम सभी राशियों पर शुक्र के इस गोचर का प्रभाव अलग-अलग देखेंगे...
- मेष : मेष राशि के लिए शुक्र का गोचर तृतीय स्थान पराक्रम भाव में होगा। शुक्र का यहां आना भाई-बहनों से रिश्तों में सुधार लाएगा लेकिन आर्थिक दृष्टि से कमजोर रहेगा। पैसों से जुड़े कार्य शिथिल रहेंगे। दांपत्य जीवन में टकराव पैदा होगा। सेहत बिगड़ेगी।
- वृषभ : शुक्र का गोचर द्वितीय स्थान में होने से आर्थिक मजबूती की ओर बढ़ेंगे। व्यापार-व्यवसाय में लाभ की संभावना बनेगी। शुक्र के साथ अभी मंगल भी है। इसलिए दांपत्य जीवन के अलावा विवाहेत्तर संबंध भी रहेंगे। प्रेम प्रकरण में बदनामी हो सकती है।
- मिथुन : शुक्र का केंद्र स्थान लग्न भाव में होना शारीरिक रूप से कमजोर करेगा। खासकर दांपत्य में तालमेल गड़बड़ा सकता है। कार्यो में शिथिलता रहेगी। कारोबार प्रभावित होगा। आर्थिक संकट महसूस हो सकता है। रिश्ते अपने मतलब के लिए न बनाएं।
- कर्क : द्वादश शुक्र खर्च करवाएगा और आर्थिक परेशानियां पैदा करेगा। कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलने में संदेह है। मित्रों, करीबी रिश्तेदारों से विवाद संभव है। कार्य में परेशानी पैदा होगी। स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। दांपत्य में विवाद संभव है। धैर्य रखें।
- सिंह : एकादश शुक्र आय के लिए बेहतर रहेगा। विशेषकर पुराना निवेश लाभ देगा। भौतिक सुखों में वृद्धि होगी। संतान पक्ष की ओर से शुभ समाचार मिलेगा। कारोबारियों को काम में गति मिलेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए प्रेम संबंध बनेंगे।
- कन्या : दशम स्थान में शुक्र का गोचर कारोबार और नौकरी के लिए बेहतर रहेगा। कार्य में तरक्की मिलेगी। आर्थिक परेशानी दूर होगी। सुखों में वृद्धि होगी। परिवार के साथ तालमेल बेहतर रहेगा। दंपती सुखी जीवन व्यतीत करेंगे। आपसी मनमुटाव दूर होगा।
- तुला : भाग्य स्थान में शुक्र का आना बेहतर रहेगा। भाग्य को बल मिलेगा और सारे बिगड़े काम इन 26 दिनों के दौरान बन जाएंगे। भाई-बहनों से बिगड़े संबंधों में सुधार आएगा। नौकरी और बिजनेस में तरक्की मिलेगी, लेकिन रिश्तों को लेकर सतर्क रहें।
- वृश्चिक : अष्टम स्थान में शुक्र का गोचर होना शारीरिक और मानसिक स्थिति बिगाड़ने वाला रहेगा। आपके कार्य थम जाएंगे। आकस्मिक दुर्घटना की आशंका है। स्वजनों से रिश्ते बिगड़ेंगे। प्रेम संबंधों में कोई आपके भोलेपन का लाभ उठाने का प्रयास करेगा।
- धनु : शुक्र का सप्तम में आना दांपत्य जीवन के लिए उत्तम रहेगा। बिगड़े रिश्ते सुधरेंगे लेकिन नए रिश्ते बनाने से पहले अच्छी तरह आश्वस्त हो जाएं। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ेगा। पारिवारिक स्थिति बेहतर रहेगी। तरक्की का समय है।
- मकर : शारीरिक रूप से कमजोर महसूस कर सकते हैं। मानसिक अस्थिरता रहेगी। प्रेम संबंधों में थोड़ी परेशानी आ सकती है। संयम से काम लें, किसी पर हावी होने का प्रयास न करें। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। आर्थिक स्थिति बेहतर होने जा रही है।
- कुंभ : शुक्र का पंचम में गोचर संतान के लिए ठीक नहीं है। संतान पक्ष को कुछ परेशानी, शारीरिक रोग आ सकता है। आर्थिक संकट महसूस करेंगे। पैसों की आवक कम होने से सुखों में कमी महसूस होगी। नौकरीपेशा और कारोबारी काम पर ध्यान दें।
- मीन : चतुर्थ स्थान में शुक्र का आना भौतिक सुखों में वृद्धि करेगा। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। कार्य में तरक्की प्राप्त होगी। बिजनेस में लाभ की संभावना बनेगी। पारिवारिक-दांपत्य जीवन बेहतर रहेगा। आपकी भावनाओं को समझने वाला कोई मिलेगा।
ये उपाय करें
- शुक्र के मिथुन में गोचर के दौरान सभी राशि के जातक शुभ प्रभाव में वृद्धि और बुरे प्रभावों से बचने के लिए शुक्र के बीजोक्त मंत्र ऊं आं ई ऊं स: शुक्राय स्वाहा: मंत्र की एक माला प्रतिदिन स्फटिक की माला से जाप करें।
- सफेद जिरकन या सफेद स्फटिक चांदी की अंगूठी में धारण करें।
- चांदी का कोई आभूषण धारण करके रखें।