
Surya Grahan 2022: गर्भवती महिलाएं भूलकर भी ना करें आज ये काम
Surya Grahan and Pregnant women: आज साल 2022 का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण है। वैसे तो ये आंशिक है लेकिन दिवाली के दूसरे दिन लगने वाले इस ग्रहण को लोग अच्छा नहीं मान रहे हैं। फिलहाल ग्रहण काल में हर किसी को कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत ज्यादा जरूरी है, खासकर के गर्भवती महिलाओं को, जिनको अपने साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु का भी ख्याल रखना होता है। दरअसल धर्म और ज्योतिष की बातों से अलग हटकर देखा जाए तो वैज्ञानिक भी इस बात से इत्फाक रखते हैं क्योंकि ग्रहण के दौरान बहुत सारी Ultraviolet Rays निकलती है,जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बढ़िया नहीं होती हैं।
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इन बातों का रखें ख्याल
- अगर ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला सूर्य ग्रहण देखती है या फिर घर से बाहर निकलती है तो गर्भ में पल रहे नवजात शिशु पर नकारात्मक असर पड़ता है।
- ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा पर राहु-केतु का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है। जो कि बच्चे की कुंडली प्रभावित कर सकते हैं इसलिए महिलाओं को घर से बाहर जाने से रोका जाता है।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को कोई भी नुकीली चीज , कैंची या चाकू का प्रयोग नहीं करना चाहिए और ना ही सुई धागे का प्रयोग करना चाहिए।

- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को 'ऊं' का जाप करना चाहिए क्योंकि ये निगेटिव विचारों का अंत करता है।
- गर्भवती महिलाएं ग्रहण शुरू होने से पहले और खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करें।
- सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना भी नहीं चाहिए।
- ग्रहण काल के दौरान महिलाओं के अपने पेट और नाभि के पास तुलसी का लेप लगाना चाहिए, ये पेट को ठंडक देता है, जो कि शिशु के लिए अच्छा होता है क्योंकि ग्रहण काल में काफी गर्मी हो जाती है।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियां अपने पास एक साबूत नारियल अवश्य रखना चाहिए इससे ग्रहण के दोष दूर होते हैं।
गर्भवती महिलाएं क्या खाएं?
अब सवाल ये उठता है कि ग्रहण काल में लोगों को भोजन करने से मना किया जाता है लेकिन गर्भवती महिलाओं का लंबे वक्त तक भूखा रहना अच्छा नहीं होता है, ऐसे में क्या करना चाहिए तो उनके लिए सलाह है कि गर्भवती महिलाएं फल और मेवे का सेवन करें और खट्टी चीजों को खाने से परहेज करें। पानी काफी पिएं और मसालेदार और तेलयुक्त भोजन को खाने से बचें।

गर्भवती महिलाएं अपना मन शांत रखने के लिए 'ऊं' के अलावा इन मंत्रों का भी करें जाप
- रक्ष रक्ष गणाध्यक्षः रक्ष त्रैलोक्य नायकः।
- भक्त नाभयं कर्ता त्राताभव भवार्णवात्।।
- ॐ बालशिवाय विद्महे काली पुत्राय धीमहि तन्नो बटुक प्रचोदयात् ...
- ॐ भूर् भुवः स्वः।तत् सवितुर्वरेण्यं।भर्गो देवस्य धीमहि।धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
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