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गुरू पंचम भाव में हो तो किन्हें पोखराज धारण करना चाहिए

By Pt. Anuj K Shukla
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नई दिल्ली। गुरू पंचम भाव में बैठा हो तो अच्छा फल देता है। पंचम भाव का गुरू भाग्य में वृद्धि कराता है, उच्च शिक्षा को प्राप्त करवाता है। ऐसे लोग धार्मिक व ईमानदार होते है। ऐसे लोगों की सेहत ठीक रहती है तथा सन्तान सुख के साथ धन सम्पत्ति भी देता है। अतः पुखराज धारण लाभकारी रहता है, किन्तु आईये जानते किस लग्न वाले जातक को पुखराज पहनने से और क्या-क्या फायदे होते है।

पुखराज धारण करने से मिलेगा सन्तान सुख

पुखराज धारण करने से मिलेगा सन्तान सुख

मेष लग्न-गुरू नवम एवं द्वादश भाव का मालिक होकर पंचम भाव का मालिक पंचम भाव में मित्र राशि सिंह में स्थित होगा। पुखराज धारण करने से सन्तान सुख मिले, सौभाग्य की वृद्धि होगी एवं विदेश यात्रा का मौका मिले।

वृष लग्न-गुरू अष्टमेश-लाभेश होकर पंचम भाव में कन्या राशि में स्थित होगा। पुखराज पहनने से धन लाभ में वृद्धि होगी। विरासत में धन सम्पत्ति का लाभ होगा। कुछ लोगों का अटका हुआ बीमा का धन मिल सकता है। किसाी अज्ञात स्त्रोत से भी कुछ लोगों को धन प्राप्त हो सकता है। किन्तु स्वास्थ्य कुछ ढीला रह सकता है।

मिथुन लग्न-गुरू सप्तमेश-दशमेश होकर पंचम भाव में बैठा होगा। ऐसे लोगों की कुण्डली लव-मैरिज का योग बन सकता है। पुखराज पहनने से कार्य-व्यवसाय में उन्नति होगी एवं कुछ लोगों को नौकरी में पदोन्नति हो सकती है।

कर्क लग्न-गुरू षष्ठेश-भाग्येश होकर पंचम घर में वृश्चिक राशि में स्थित होगा। ऐसे लोगों को पुखराज पहनने से अचानक धन व सम्पत्ति लाभ हो सकता है। मित्रो से सुख व सहयोग प्राप्त होगा। किन्तु रोग व गुप्त शत्रु भी पैदा हो सकते है।

सोच-समझकर धारण करें पुखराज

सोच-समझकर धारण करें पुखराज

सिंह लग्न-गुरू पंचमेश-अष्टमेश होकर पंचम घर में धनु राशि में स्थित होगा। जिनकी ऐ लग्न है, उन्हें पुखराज पहनने से अज्ञात स्त्रोत से धन मिलेगा। सन्तान सुख में वृद्धि होगी। अतः पुखराज धारण करना लाभदायक रहेगा।

कन्या लग्न-गुरू चतुर्थेश-सप्तमेश होकर पंचम भाव में अपनी नीच राशि मकर राशि में स्थित होगा। अतः पुखराज धारण करना हानिकारक साबित हो सकता है। पति-पत्नी में झगड़ा अथवा वियोग, घरेलू अशान्ति पैदा होगी व धन सम्पत्ति का नुकसान हो सकता है।

तुला लग्न-गुरू तृतीयेश होकर-षष्ठेश होकर पाॅचवें घर में कुम्भ राशि में बैठा होगा। अतः पुखराज सोंच-समझकर धारण करें। शुभ व अशुभ दोनों प्रकार के फल मिल सकते है।

वृश्चिक लग्न-गुरू द्वितीयेश-षष्ठेश होकर पाॅचवें भाव में अपनी मीन राशि में बैठा होगा। अतः पुखराज धारण करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, सन्तान सुख मिलेगा एवं सेहत में भी सुधार होगा।

पुखराज धारण करने से होगा धन लाभ

पुखराज धारण करने से होगा धन लाभ

धनु राशि-बृहस्पति लग्नेश-चतुर्थेश होकर पाॅचवें भाव में अपने मित्र की राशि मेष में स्थित होगा। अतः पुखराज धारण करने से मकान-वाहन का सुख मिलेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा एवं रोग से परेशान लोगों को राहत मिलेगी।

मकर लग्न-गुरू द्वादशेश-तृतीयेश होकर पाॅचवें भाव में वृष राशि में स्थित होगा। पुखराज पहनने से शुभ व अशुभ मिश्रित फल मिलेंगे। अतः सोंच-समझकर ही पुखराज धारण करें।

कुम्भ लग्न-बृहस्पति लाभेश-द्वितीयेश होकर पाॅचवें भाव में मिथुन राशि में स्थित होगा। अतः पुखराज धारण करने से धन लाभ में वृद्धि होगी व सेहत में सुधार होगा। परिवार में सुखद व खुशहाल माहौल रहेगा।

मीन लग्न-गुरू दशमेश-लग्नेश होकर पंचम भाव में कर्क राशि में स्थित होगा। अतः पुखराज पहनने से कामकाज व व्यवसाय में प्रगति होगी। यश-मान बढ़ेगा व नौकरी में पदोन्नति होगी।

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English summary
if guru is at fifth place then use sapphire
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